कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक है Mucormycosis और ब्लैक फंगस Black fungus , निकालनी पड़ रहीं आंखें
कोरोना वायरस Coronavirus के साथ-साथ अब एक और खतरा आ गया है. ब्लैक फंगस Black fungus से लोगों को अपनी आंखें गंवानी पड़ रही हैं. गुजरात में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां कोरोना से ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस भी देखा गया है.
कोरोना वायरस: सूरत में आठ को ब्लैक फंगस Black fungus
गुजरात के सूरत में म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) से आठ मरीजों ने अपनी आंख की रोशनी खो दी है. पिछले 15 दिनों में सूरत में म्यूकोरमाइकोसिस के 40 मामले मिले. आठ मरीजों की आंखें निकलनी पड़ गई.
कोरोना वायरस: ब्लैक फंगस Black fungusअन्य इलाकों में भी
मुंबई में भी एक शख्स में म्यूकोरमाइकोसिस का संक्रमण देखा गया. कोरोना से ठीक होने के बाद सुहास में ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने लगे और हाल ही में उनकी सर्जरी की गई. दिमाग तक ये इंफेक्शन न पहुंच पाए, इसके लिए डॉक्टरों ने ऊपरी जबड़े को हटा दिया.
म्यूकोरमाइकोसिस के बारे में जानें
म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस Black fungus एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है. लेकिन ये गंभीर इंफेक्शन है, जो मोल्ड्स या फंगी के एक समूह की वजह से होता है. ये मोल्ड्स पूरे पर्यावरण में जीवित रहते हैं. ये साइनस या फेफड़ों को प्रभावित करता है.
ब्लैक फंगस Black fungus के लक्षण
तेज सरदर्द और आंखों में लालपन इसके दो सामान्य लक्षण हैं. कोरोना वायरस से ठीक होने के दो-तीन दिन बाद म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं. कोरोना से ठीक होने के दो-तीन दिन बाद पहले ये संक्रमण साइनस में दिखता है और उसके बाद आंख तक जाता है. वहीं अगले 24 घंटे में ये फंगस दिमाग तक हावी हो सकता है.
कौन लोग रहें ज्यादा सावधान
कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है. डायबिटीज वाले रोगियों पर भी इसका खतरा ज्यादा हो सकता है और जिनके साथ स्वास्थ्य समस्याएं हैं, वो इसके लिए चपेटे में आ सकते हैं. ये सामान्य तौर पर उन मरीजों में ज्यादा देखा जा रहा है, जो कोरोना से ठीक हुए हैं और जिन्हें पहले से कोई बीमारी थी.
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