राहुल गांधी आजकल मोदी को पप्पियां-झप्पियां क्यों दे रहे हैं ?
![rahul GANDHI](https://rajniti.online/wp-content/uploads/2019/05/rahul-2.jpg)
@INC
लोकसभा चुनाव के पांच चरणों का मतदान खत्म हो चुका है. अब बस दो चरणों की वोटिंग बाकी है. इन पांच चरणों में अगर बीजेपी और कांग्रेस के दोनों स्टार प्रचारक यानी राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी की कैंपेनिंग स्टाइल देखें तो दोनों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. राहुल गांधी चरण दर चरण प्यार वाली पॉलिटिक्स करते गए और नरेंद्र मोदी तकरार वाली.
प्रतापगढ़ की चुनावी रैली में पीएम मोदी ने राहुल गांधी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. पीएम मोदी ने राजीव गांधी को लेकर कहा था कि वो भष्टाचारी नंबर वन थे. इसके बाद काफी हंगामा हुआ था. पीएम मोदी की आलोचना भी हुई थी. लेकिन झारखंड के चारबासा में पीएम मोदी ने एक बार फिर से राहुल गांधी को नामदार कहकर घेरा.
नरेंद्र मोदी राहुल गांधी को लगातार घेर रहे हैं लेकिन राहुल गांधी ने पीएम के बयान पर प्यार वाली प्रतिक्रिया दी थी. राहुल गांधी ने ट्वीट करके मोदी पर पलटवार किया और तंज भरे लहजे में झप्पी दी थी.
प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया लेकिन उनका लहजा सख्त था. प्रियंका गांधी ने कहा था कि ‘ये देश धोखेबाज को कभी माफ नहीं करेगा’
सिर्फ ट्वीट ही नहीं राहुल गांधी आजकल जो भी इंटरव्यू दे रहे हैं वो मोदी से प्यार वाली बातें कर रहे हैं.
प्यार क्यों बांट रहे हैं राहुल ?
![](https://rajniti.online/wp-content/uploads/2019/05/rahul-gandhi.jpg)
राहुल गांधी को शायद लग रहा है कि बीते पांच साल में देश का माहौल जैसा रहा है उससे लोग थक चुके हैं. लोगों प्यार आपसी भाईचारा चाहते हैं. राहुल गांधी की यही सोच उन्हें प्यार वाली पॉलिटिक्स करवा रही है. प्यार वाली पॉलिटिक्स करके राहुल गांधी ने पीएम पद के लिए अपनी दावेदारी को पुख्ता किया है. उन्होंने अपनी लीडरशिप में तीन विधानसभा चुनाव जिताए हैं और इस जीत से उनकी छवि में जमीन-आसमान बराबर बदलाव आ चुका है.
प्यार से ‘पप्पू’ वाली छवि तो तोड़ा
![](https://rajniti.online/wp-content/uploads/2019/05/rahul.jpg)
आप राहुल गांधी प्यार वाली पॉलिटिक्स का फायदा इससे भी समझ सकते हैं कि जिस शख्स को कभी भाजपा और भाजपा समर्थक रोज ‘पप्पू’ कहकर खारिज और अपमानित किया करते थे, आज वे इस डर से इस नाम का उपयोग तक नहीं करते कि कहीं जनता नाराज न हो जाए. सिर्फ इतना भर नहीं है. भाजपा राहुल गांधी ने मिलने वाली चुनौतियों को गंभीरता से ले रही है. और जनता का परसेप्शन भी उनके प्रति काफी हद तक बदला है.
कुछ वक्त पहले तक इस देश में एक मजबूत विपक्ष नहीं नजर आ रहा था और लेकिन उनकी वजह से आज ऐसा नहीं है. राहुल गांधी की इस पॉलिटिक्स ने देश का नैरेटिव बदलने में भी बड़ी भूमिका अदा की है. राहुल गांधी एक्सट्रीमिन्ज्म के माहौल में मोदी का विलोम होकर एक नरम और सौम्य स्वभाव के नेता के तौर पर उभरे हैं.