बगावत बर्दाश्त नहीं… ये कहते हुए अखिलेश ने इन नेताओं को पार्टी से निकाल दिया
अखिलेश यादव 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के भीतर बगावत करने वाले नेताओं की कुंडली खंगाल रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने 2 नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है.
पंचायत चुनाव को लेकर सपा में हलचल तेज हो गई है पार्टी बगावती तेवर दिखाने वालों को अब बाहर का रास्ता दिखा रही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर बागपत के दो नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है.
इन नेताओं को किया गया निष्कासित
- बागपत के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ओंकार यादव
- बागपत के पूर्व जिलाध्यक्ष किरण पाल उर्फ बिल्लू प्रधान
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की संस्तुति से मिर्जापुर के धीरेन्द्र सिंह को समाजवादी युवजन सभा की राज्य कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव बनाया गया है. जबकि यशवीर सिंह व मोहम्मद रिजवान खान समाजवादी युवजन सभा की राज्य कार्यकारिणी में प्रदेश सदस्य नामित हुए हैं.
अखिलेश नहीं बर्दाश्त करेंगे बगावत
पंचायत चुनाव में कई दिनों से इस तरह की खबरें आ रही हैं इस समाजवादी पार्टी के टिकट पर पंचायत चुनाव जीते सदस्य अब पार्टी को ही कमजोर करने का काम कर रहे हैं. ऐसे में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्पष्ट शब्दों में उन तमाम नेताओं को संदेश देने की कोशिश की है जो पार्टी के खिलाफ बगावत करके अपने हितों को साध रहे हैं.
कई दिनों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि जिन नेताओं को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिली है वह जिले में पार्टी को ही कमजोर करने का काम कर रहे हैं. ऐसे में बागपत के दो नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर के अखिलेश यादव ने उन नेताओं को संदेश देने की कोशिश की है. अखिलेश की अच्छी तरह से जानते हैं कि अगर ऐसे नेताओं को पार्टी से बाहर नहीं किया गया तो 2022 में चुनाव जीतना आसान नहीं होगा.
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