कोरोना संक्रमित हैं तो आपको एक खतरा ये भी है
अगर आप कोरोना संक्रमित हैं तो आपको एक साथ कई बीमारियां हो सकती हैं. कोविड 19 का असर सिर्फ शारीरिक तौर पर ही नहीं पड़ता. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन में पता चला है यह संक्रमण लोगों को मानसिक तौर भी बीमार बना सकता है. लोग डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं.
सांस लेने में तकलीफ, स्वाद और सुगंध का पता न चलना और शारीरिक कमजोरी. ये कुछ ऐसे लक्षण हैं जो पिछले एक साल में कोरोना संक्रमित हुए लोगों में देखे गए हैं. कोरोना वायरस की चपेट में आ गए मरीज में शुरुआत में गंभीर लक्षण दिखते भी हैं और नहीं भी. शुरू में बस हल्का बुखार, सिरदर्द और खांसी होती है. लेकिन बाद में जो लक्षण उभर कर सामने आते हैं, वे लक्षण पैनिक अटैक और डिप्रेशन भी हो सकते हैं.
कोरोना संक्रमित मरीज हो रहे मानसिक बीमारी का शिकार
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का एक अध्ययन ‘द लैंसेट सकाइट्री’ जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इस अध्ययन में पाया गया कि कोरोना की वजह से मानसिक तौर पर बीमार मरीजों की संख्या काफी है. शोधकर्ताओं ने 2,36,000 से अधिक कोरोना से पीड़ित रोगियों के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स की जांच की. इनमें ज्यादातर रोगी अमेरिका के थे. इस जांच में यह बात सामने आई कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के छह महीने के भीतर 34 प्रतिशत रोगियों में किसी न किसी तरह की मानसिक बीमारी दिखी.
हालांकि, स्ट्रोक और डिमेंशिया के मामले काफी कम देखे गए. 17 प्रतिशत कोरोना रोगियों में चिंता से जुड़ी परेशानी देखी गई. वहीं, 14 प्रतिशत में मनोदशा से जुड़ी परेशानी देखी गई, जैसे कि डिप्रेशन. ऑक्सफोर्ड के शोधकर्ताओं ने मरीजों के दो समूहों पर अध्ययन किया. इनमें एक समूह इन्फ्लूएंजा वालों का था और दूसरा ऐसे रोगियों का जिन्हें सांस लेने से जुड़ी परेशानी (कोरोना को छोड़कर) थी. यह इसलिए था ताकि पक्का किया जा सके कि इन लोगों के बीच कोरोना महामारी से पीड़ित लोगों जैसी समस्याएं नहीं है.
कोरोना संक्रमित हैं तो क्या करें?
कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति के लिए ज्यादातर बाहरी परिस्थितियां जिम्मेदार हैं. हल्के लक्षण और गंभीर लक्षण, दोनों तरह के रोगियों के बीच चिंता और डिप्रेशन की समस्या लगभग एक समान संख्या में देखी गई. मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर असर को देखते हुए अब कोरोना से और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. सभी लोग वैक्सीन लें. मेरे हिसाब से कोरोना की तुलना में वैक्सीन में खतरा कम है. और अगर आपको अलग रहने को कहा जाता है, तो मैं आपको सलाह दूंगा कि आप वही करें जो आपसे कहा जाता है. हम तभी बेहतर होंगे.
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