साफ पानी की कमी से संकट में लाखों बच्चों का जीवन
साफ पानी की कमी इंसानी जिंदगी के लिए युद्ध से ज्यादा खतरनाक साबित होने वाली है. आज दुनिया के कई हिस्से स्वच्छ जल के संकट से जूझ रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हिंसाग्रस्त इलाकों में जल आपूर्ति और स्वच्छता केंद्रों पर हमलों से लाखों बच्चों के जीवन में संकट पैदा हो रहा है.
साफ पानी इंसानी जिंदगी की मूलभूत जरूरतों में से एक है लेकिन पर्यावरणीय असंतुलन और धरती का दोहन भविष्य में साफ पानी की किल्लत को बढ़ाने का काम कर रहे हैं. यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसक संघर्ष से प्रभावित इलाकों में जल आपूर्ति और स्वच्छता केंद्रों पर हमलों और उससे जल सुलभता प्रभावित होने से लाखों बच्चों के जीवन के लिए संकट पैदा हो रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षित, भरोसेमंद और साफ-सफाई सेवाओं की उपलब्धता और सुरक्षा, लाखों बच्चों की जान बचाने में एक महत्वपूर्ण कारक है.
साफ पानी की कमी के कारण
1- रिपोर्ट में नौ देशों का जिक्र
वॉटर अंडर फायर वॉल्यूम 3 नाम की इस रिपोर्ट में उन नौ देशों पर ध्यान दिया गया है जो हिंसा और टकराव से बड़े तौर पर प्रभावित हैं. रिपोर्ट में इस कारण बच्चों पर होने वाले असर की पड़ताल भी की गई है. बताया गया है कि कैसे हिंसा ग्रस्त इलाकों में बच्चे साफ पानी की कमी से जूझ रहे हैं.
2- कोविड और युद्ध से घिरे बच्चे
कोविड-19 और संघर्ष के दोहरे खतरे का सामना कर रहे बच्चों के लिए भीड़भाड़ वाले अस्पतालों और बहुत कम मेडिकल आपूर्ति के साथ सुरक्षित पानी तक पहुंचने में असमर्थ होना, जीवन के लिए खतरा हो सकता है. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की रिपोर्ट में इस बात के साफ संकेत मिलते हैं कि साफ पानी की कमी युद्ध से ज्यादा खतरनाक स्थिति है.
3- “जल पर हमला, बच्चों पर हमला है”
यूनिसेफ का कहना है कि सुरक्षित पानी तक पहुंच के बिना, बच्चे बीमार पड़ जाते है. स्कूल और अस्पताल काम नहीं कर रहे हैं और इससे बीमारी और कुपोषण फैलता है. लाखों कमजोर बच्चे युद्ध में बड़े हो रहे हैं और उनकी पानी और स्वच्छता सेवाओं पर हमला हो रहा है. पानी पर हमला, बच्चों पर हमला है. जिन देशों में युद्ध का माहौल है वहां बच्चों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं है और यह उनके भविष्य के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है.
4- बच्चे जाते हैं पानी भरने
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की रिपोर्ट में जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे पर खतरनाक हमलों का विवरण भी दिया गया है. उदाहरण के लिए पूर्वी यूक्रेन में 32 लाख लोगों को जल और साफ-सफाई सेवाओं की जरूरत है. पिछले चार साल में वहां 380 बार हमले हो चुके हैं. यूक्रेन के हालातों पर पहले भी कई रिपोर्ट आ चुकी है लेकिन वहां मौजूदा परिस्थितियों इस ओर इशारा करती हैं कि बच्चों का भविष्य खतरे में है.
5- संघर्ष से पड़ता है असर
रिपोर्ट में बताया गया कि फलस्तीन में साल 2019 से अब तक जल और स्वच्छता केंद्रों पर 95 हमले हुए हैं, जिनकी वजह से 16 लाख लोगों को इन बुनियादी सेवाओं से वंचित होना पड़ा है. रिपोर्ट में यह भी इशारा किया गया है की युद्ध के दौरान जब जल और स्वच्छता केंद्रों पर हमले किए जाते हैं तो इससे साफ पानी की कमी का संकट खड़ा हो जाता है.
6- गंभीर बीमारी भी फैलती है
सिर्फ यूक्रेन ही नहीं यमन में भी पिछले छह साल से जारी युद्ध में 122 हवाई हमले हुए. वहां हैजा फैलने से हर सप्ताह हजारों बच्चे बीमार पड़ते हैं और लगभग डेढ़ करोड़ लोगों को सुरक्षित जल की जरूरत है. इन लोगों के लिए साफ पानी उपलब्ध नहीं है हालांकि संयुक्त राष्ट्र और उससे जुड़ी हुई तमाम एजेंसियां यहां लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रही हैं.
7- “हमले करने वालों की जवाबदेही तय हो”
यूनिसेफ की इस रिपोर्ट में सुरक्षा परिषद समेत संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से, इन हमलों के दोषियों की जवाबदेही तय करने की गुहार लगाई गई है. इसके साथ ही दानदाताओं से हिंसक इलाकों में जल सेवाओं पर निवेश करने का आग्रह किया गया है. जिन इलाकों में युद्ध हो रहा है या युद्ध हुए हैं उन इलाकों में साफ पानी की कमी को दूर करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने की जरूरत है.
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