राहुल-प्रियंका का जोरदार प्रचार अभियान…देखें तस्वीरें
राहुल-प्रियंका का प्रचार अभियान पूरे शबाब पर है. राहुल गांधी केरल और तमिलनाडु के दौरे पर हैं. वहीं प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में मंदिर-मंदिर गांव-गांव खाक छान रही है. राहुल-प्रियंका का यह नया अंदाज क्या कांग्रेस के दिन वापस लाने में मदद करेगा यह तो चुनाव के नतीजे बताएंगे लेकिन तस्वीरें बहुत कुछ बता रही हैं.
राहुल गांधी इस वक्त केरल और तमिलनाडु के दौरे पर हैं. जहां वह छोटे बच्चों से मिल रहे हैं और गांव गांव जाकर लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. वही प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं और किसान आंदोलन के बाद पर आक्रोश को कांग्रेस के पक्ष में भुनाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं. राहुल-प्रियंका की जुगलबंदी चुनाव भले ना जिताए लेकिन सुर्खियां जरूर बटोर रही है.
राहुल-प्रियंका का प्रचार अभियान, दोनों के हाथ में पार्टी की कमान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन दिन के तमिलनाडु दौरे पर हैं. तमिलनाडु दौरे के दूसरे दिन राहुल तिरूनेलवेली में एक कार्यक्रम में गए जहां सड़क किनारे खीरदकर नारियल पानी पीया. इससे पहले उन्होंने तिरुनेलवेल्ली के मशहूर अरुलमिगु नेलाइएप्पर मंदिर में पूजा अर्चना भी की. अपने तमिलनाडु दौरे पर उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों को राजनीति से जुड़ना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार बोलने की आजादी नहीं देती है.
राहुल गांधी दक्षिण में व्यस्त हैं तो प्रियंका गांधी पूर्वोत्तर और उत्तर प्रदेश की राजनीति पर ध्यान दे रही हैं. सोमवार को असम के रण में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की एंट्री हुई. उन्होंने गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ ही सोमवार को असम के दो दिवसीय दौरे की शुरुआत की. पूजा-अर्चना के बाद प्रियंका ने लखीमपुर में स्थानीय लोगों से मुलाकात की और उनके साथ आदिवासी नृत्य भी किया. असम में 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 मार्च, एक अप्रैल और 6 अप्रैल को तीन चरणों में मतदान होगा.
राहुल-प्रियंका का चुनाव अभियान क्या बीजेपी के लिए चुनौती बनेगा? क्या यह दोनों नेता मिलकर कांग्रेस की डूबती नैया को किनारे तक पहुंचाएंगे? और क्या यह दोनों मिलकर पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी को चुनौती दे पाएंगे? ऐसे सवाल है जिनके जवाब सभी जानना चाहते हैं. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस की दोनों जोड़ियां जिस अंदाज में चुनाव प्रचार कर रही हैं उससे एक बात तो स्पष्ट है कि कांग्रेस सौहार्द का संदेश देना चाहती है और भारतीय जनता पार्टी ताकत का.
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