मायावती के चक्रव्यूह में फंसे ओपी राजभर, क्या हार सकते हैं?

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ओपी राजभर इस बार त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गए हैं. वो ग़ाज़ीपुर की जहूराबाद सीट से मैदान में हैं. इस सीट पर मायावती ने मजबूत प्रत्याशी देकर मुकाबला करीबी बना दिया है.

उत्तर प्रदेश की 54 विधानसभा सीटों पर सातवें और अंतिम चरण में सोमवार को मतदान हो रहा है. नौ ज़िलों की इन 54 विधानसभा सीटों में कई हाई-प्रोफ़ाइल सीटें भी शामिल हैं. इन्हीं सीटों में शामिल है जहूराबाद विधानसभा सीट जहां ओपी राजभर मैदान में हैं. इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाले वाराणसी और अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र वाले आजमगढ़ ज़िले में भी मतदान होने हैं. साफ़ है कि इन ज़िलों में दोनों बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर है.

जहूराबाद सीट पर कांटे का मुकाबला

विधानसभा चुनाव में गठबंधन से लेकर आरोप-प्रत्यारोपों में अहम किरदार निभाने वाले ओमप्रकाश राजभर ग़ाज़ीपुर की जहूराबाद सीट से ताल ठोक रहे हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के मुखिया और जहूराबाद के मौजूदा विधायक राजभर पिछले चुनाव में जहां बीजेपी का साथ निभा रहे थे तो इस बार वो समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में उतरे हैं.

ओपी राजभर हार रहे हैं?

जहूराबाद सीट पर राजभर की टक्कर बीजेपी के कालीचरण राजभर और बीएसपी की सैयदा शादाब फ़ातिमा से है. ओमप्रकाश राजभर की ही तरह इन दोनों उम्मीदवारों का भी समीकरण मौजूदा चुनाव में बदला हुआ है. कालीचरण राजभर दो बार बीएसपी से विधायक रह चुके हैं, इस बार वो बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं शादाब फ़ातिमा यहां समाजवादी पार्टी से बीएसपी में आकर चुनौती दे रही हैं. ख़ैर, इस सीट पर सारे समीकरण बदल गए हैं तो मुक़ाबला त्रिकोणीय बताया जा रहा है.

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