शिवपाल सिंह यादव : कैसा है जसवंत नगर का चुनावी मिजाज?

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शिवपाल सिंह यादव जसवंत नगर के सर्वमान्य और सर्व स्वीकार्य नेता हैं. वैसे तो यह इलाका सैफई परिवार का गढ़ रहा है लेकिन इन दिनों यहां हर तरफ चाचा जिंदाबाद के नारे सुनाई पड़ रहे हैं. यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है उनके लिए क्योंकि वह भतीजे अखिलेश के साथ गठबंधन करके चुनाव मैदान में हैं.

शिवपाल सिंह यादव की राजनीति को करीब से देखने वाले लोग आज भी इस बात से हैरान हो जाते हैं कि एक नेता के तौर पर कोई इतना सक्रिय और एक क्षेत्र में इतना प्रभावशाली कैसे हो सकता है. अपने करीब 4 दशक लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन आज उनका कद समाजवाद के मजबूत स्तंभ में गिना जाता है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार वह जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र से छठी बार चुनाव मैदान में है.

जसवंतनगर में 20 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. शिवपाल यादव और समाजवादी पार्टी के लिए इस चरण के बड़े मायने हैं. क्योंकि इस समय उत्तर प्रदेश चुनाव अखिलेश बनाम योगी आदित्यनाथ हो गया है और ऐसे में तीसरे चरण का मतदान बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. इस चरण में उन सीटों पर वोट डाले जाएंगे जहां पर समाजवादी पार्टी मजबूत है. ऐसे में अगर भारतीय जनता पार्टी इस चरण में अपनी पकड़ बनाए रखती है तो समाजवादी पार्टी के लिए आगे की राह मुश्किल हो जाएगी.

जसवंत नगर का सियासी गणित

इसलिए जसवंतनगर में जिस चरण में मतदान होगा उस चरण पर सभी की निगाहें है. नामांकन के लिए जाने से पहले शिवपाल यादव ने कहा वह इस बार जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र से रिकॉर्ड मतों से जीतना चाहते हैं. जसवंत नगर में अगर पिछले दो विधानसभा चुनावों की बात करें तो शिवपाल यादव के वोट प्रतिशत में बहुत मामूली कमी आई है. 2012 में वह 80000 से ज्यादा वोटों से जीते थे और 2017 में उनकी जीत का मार्जिन 55000 के आस पास आ गया.

क्या इस बार शिवपाल सिंह यादव 100000 वोटों से जीतेंगे? इस सवाल का जवाब खुद शिवपाल सिंह भी तलाश रहे हैं. वैसे तो जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र यादव बाहुल्य इलाका है लेकिन यहां शाक्य वोट भी महत्वपूर्ण हो जाता है. जसवंत नगर में 130000 से ज्यादा यादव और 65000 के आसपास शाक्य वोट है. यानी जीत हार का अंतर शाक्य मतदाता तय करते हैं. 2022 के चुनाव में सबसे दिलचस्प फैक्ट्रर यह है के शिवपाल सिंह यादव को गैर यादव जातियों से कितना वोट मिलता है.

अगर शिवपाल यादव 2022 में शाक्य और हरिजन वोट हासिल कर लेते हैं तो वह रिकॉर्ड मतों से जीतेंगे. लेकिन उनके लिए यह काम बहुत आसान नहीं होगा क्योंकि बीजेपी इन गैर यादव ओबीसी और दलित जातियों में अपनी पैठ बनाने की कामयाब कोशिश कर रही है. जसवंत नगर विधानसभा सीट पर लोधी राजपूत वोट पर बीजेपी ने अपनी पकड़ पहले से ज्यादा मजबूत की है और इसका खामियाजा कहीं ना कहीं समाजवादी पार्टी को भुगतना पड़ेगा. शिवपाल सिंह यादव के सामने इस वोट बैंक को काबू में करने की चुनौती होगी.

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