Tourist place in Uttarakhand | वो जगह जहां सड़क खत्म हो जाती है

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Tourist place in Uttarakhand : जो सैर सपाटे के शौकीन हैं और जिन्हें एडवेंचर पसंद है वो माइनस 20 डिग्री टेंपरेचर में उत्तराखंड के सबसे दुर्गम टूरिस्ट स्पॉट पर जा सकते हैं.

Tourist place in Uttarakhand :ट्रैवलिंग जितना आनंद देती है उतना ही परेशान करती है अगर बिना किसी जानकारी के आप कहीं घूमने जाते हैं. आज मैं आपको उत्तराखंड की एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहा हूं जहां जाने के बाद आप न सिर्फ एडवेंचर का मजा लेंगे बल्कि पहाड़ों का वह सुंदर भी आपने हार पाएंगे जिसके बारे में कहा जाता है कि कुदरत की सबसे खूबसूरत (natural beauty of Uttarakhand) कृति है.

तो आज हम आपको बताने वाले हैं खरसाली के बारे में… खरसाली उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पढ़ने वाली वह जगह है जहां सड़क खत्म हो जाती है. वैसे तो यह तीर्थ स्थल है लेकिन एडवेंचर के शौकीन (adventure lovers) भी यहां पर जाते हैं. खरसाली में शनिधाम (shanidham in kharsali) है और यहीं पर यमुना मैया का मंदिर भी है. अगर आप यमुनोत्री धाम (how to reach yamunotri dham) जाना चाहते हैं तो आपको खरसाली होकर ही जाना पड़ेगा.

Uttrakhand tourist place है खरसाली

खरसाली पहुंचने के लिए आप दो रास्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं. एक रास्ता देहरादून-मसूरी होते हुए जाता है और दूसरा रास्ता हरिद्वार-ऋषिकेश (Haridwar to Rishikesh) होते हुए जाता है. हमने जब खरसाली जाने की योजना बनाई तब वहां तापमान माइनस 15 डिग्री से भी कम था. दिल्ली से मुजफ्फरनगर सहारनपुर होते हुए हम देहरादून पहुंचे और उसके बाद हमने मसूरी चकराता (Mussoorie to Chakrata) के रास्ते से होते हुए खरसाली तक का रास्ता तय किया.

Uttarakhand tourism को कोरोना ने पहुंचाई चोट

कोरोना की वजह से भले ही बीते 2 सालों से चार धाम यात्रा सुचारू रूप से ना हो पा रही हो लेकिन ऑल वेदर रोड परियोजना ( All weather road pariyojna) के चलते चारों धामों के लिए रोड कनेक्टिविटी बेहतर हो गई है. हालांकि इस कनेक्टिविटी की वजह से पहाड़ों के प्राकृतिक स्वरूप को काफी नुकसान पहुंचा है लेकिन फिर भी इस सड़क में खरसाली (kharsali by road) तक के रास्ते को हमारे लिए आसान जरूर किया.

खरसाली उत्तराखंड (kharsali Uttarakhand) की वह जगह है जहां सड़क खत्म हो जाती है. अगर आप इसके आगे भी जाना चाहते हैं तो आप को स्थानीय लोगों की मदद से खच्चर के सहारे या पैदल रास्ता तय करना पड़ेगा. स्थानीय लोग बताते हैं कि इसके आगे की दुनिया ऐसी है जिसे देखकर आपका जीवन सफल हो जाएगा. जब आप इसके आगे जाते हैं तो आपको कुदरत का अनुपम सौंदर्य दिखाई देता है.

हालांकि हम इस खूबसूरती (natural beauty of Uttarakhand) को निहार नहीं पाए क्योंकि मौसम ने हमको इजाजत नहीं दी लेकिन अगर आप गर्मियों के महीने में यहां जाते हैं तो आप यकीन है कुदरत के उस सौंदर्य को देख पाएंगे जिससे विशेष रुप से ईश्वर ने सजाया संवारा है. इसके अलावा और भी बहुत कुछ है जिसके बारे में आप खरसाली जाकर जान पाएंगे, जैसे भूतेश्वर महादेव का मंदिर, यमुना मैया का मंदिर और शनिधाम (shanidham kharsali).

चार धाम यात्रा (char dham Yatra) पर जाने वाले लोग अच्छी तरह से जानते हैं क्या कर आप चारों धामों के दर्शन करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको यमुनोत्री धाम का दर्शन करना पड़ेगा. और यमुनोत्री जाने के लिए आपको खरसाली जाना पड़ेगा. अगर आप दिल्ली से खरसाली (Delhi tu kharsali) जाना चाहते हैं तो यह रास्ता करीब 14 घंटे का है. 14 घंटे भी तब जब आप अपनी गाड़ी से हों.

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अगर किसी और माध्यम से आप यह सफर कर रहे हैं तो उसके लिए आपको और भी ज्यादा समय देना पड़ेगा. सर्दियों के मौसम में पाला पड़ने की वजह से यहां पर रास्ता बहुत खतरनाक हो जाता है इसलिए मेरी आपको राय यही है कि आप खरसाली या उससे आगे की यात्रा करने के लिए गर्मियों या बरसात के तुरंत बाद का समय चुने.

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