अखिलेश यादव ने कही ऐसी बात कि उछल पड़ेंगे सपा कार्यकर्ता, मिशन 2022 की ‘Toolkit’ तैयार
अखिलेश यादव मिशन 2022 के लिए कार्यकर्ताओं में जोश भरने का इंतजाम कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव के लिए सपा की ‘Toolkit’ तैयार है. क्या है इस टूलकिट में…
उत्तर प्रदेश की सियासत दिलचस्प मोड़ पर है. पहले पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बाजी मारी लेकिन बाद में योगी आदित्यनाथ ने सत्ता की ताकत से पासा पलट दिया और 75 में से 67 जिलों में भारतीय जनता पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने में वह कामयाब रहे. अब ब्लाक प्रमुख के चुनाव में भी बीजेपी अपने लोगों को जिताने की हर संभव कोशिश कर रही है. ऐसे में अखिलेश यादव ने सभी जिला अध्यक्षों को हास निर्देश दिए हैं कि वह लोग न सिर्फ जिले के संगठन की समीक्षा करें बल्कि उन लोगों को सबक सिखाएं जिन्होंने पार्टी के साथ गद्दारी की है. सिर्फ इतना ही नहीं 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए भी अखिलेश यादव ने फुलप्रूफ योजना तैयार की है.
सपा की ‘Toolkit’ तैयार अब चुनाव का है इंतजार
जिला पंचायत चुनाव में शिकस्त खाने के बाद जहां सभी अखिलेश यादव की रणनीति को चुका हुआ करार दे रहे हैं वहीं अंदर खाने से आ रही खबरों के मुताबिक अखिलेश यादव का पूरा फोकस मिशन 2022 पर है और इसके लिए उन्होंने ‘टूलकिट’ तैयार कर ली है. अब आप सोच रहे होंगे अखिलेश की ‘Toolkit’ में क्या है जिससे वह आगामी विधानसभा चुनाव जीतकर उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज हो सकते हैं. दरअसल अखिलेश यादव के लिए यह चुनाव साख का सवाल भी है लिहाजा सपा के सामने चुनौती सत्ता में वापसी की ही नहीं बल्कि साख बचाने की भी है. क्योंकि अगर योगी आदित्यनाथ दोबारा से उत्तर प्रदेश में चुनकर आते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि वह उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े नेता हैं. और उनके तरह की राजनीति ही सही राजनीति है. ऐसे में चुनौती अखिलेश यादव के सामने है कि वह कौन सी योजना से योगी आदित्यनाथ को शिकस्त देंगे.
‘Toolkit’ की 5 अहम बातें
1- पार्टी के विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से खबर यह है कि समाजवादी पार्टी अगले 2 महीनों में हर जिला इकाई की समीक्षा करेगी और उन नेताओं पर एक्शन लेगी जिन्होंने पार्टी के साथ धोखा किया है.
2- किसी भी तरह से चाचा शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ तालमेल बनाया जाए और चाचा को मनाया जाए.
3- युवा कार्यकर्ताओं को बढ़ावा दिया जाए और सभी जिला इकाइयों में युवाओं के लिए एक विशेष कार्य योजना तैयार की जाए.
4- प्रदेश के छोटे दलों को समाजवादी पार्टी के साथ जोड़कर एक ऐसा गठबंधन बनाया जाए जिसमें सभी जातियों का समर्थन शामिल हो.
5- योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के कामकाज का नियमित पोस्टमार्टम किया जाए. और प्रदेश की जनता को बीजेपी सरकार के झूठ से वाकिफ कराया जाए.
तो यह यह पांच वह बातें हैं जो समाजवादी पार्टी के Toolkit में दर्ज हैं. शायद इसीलिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पौधरोपण अभियान पर हमला करते हुए कहा है, कि भाजपा सरकार ने अपने सौ झूठ में एक नया झूठ पौधरोपण को भी जोड़ दिया है. मुख्यमंत्री का दावा है कि उनके कार्यकाल में 100 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं. लेकिन एक दिन में ही 25.51 करोड़ पौधे रोपने के दावे के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सबके बावजूद उत्तर प्रदेश में हर तरफ हरियाली क्यों नहीं छा गई है और प्रदेश का वन क्षेत्र दुगना-चैगुना क्यों नहीं बढ़ गया?
फ्रंटफुट पर उतर कर सरकार को घेर रहे हैं अखिलेश
अखिलेश यादव यह समझ गए हैं कि अगर कार्यकर्ताओं में जोश भरना है तो फ्रंटफुट पर उतरकर सरकार को घेरना होगा. इसीलिए वह योगी सरकार पर खुलकर प्रहार कर रहे हैं. उनकी रणनीति स्पष्ट है एक तरफ सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए जाएं और दूसरी तरफ पार्टी के भीतर जो गड़बड़ है उसको दुरुस्त किया जाए. इसीलिए सपा प्रमुख हार की समीक्षा में जुटे हुए हैं और लगातार बैठकों का दौर जारी है.
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