किराये के मकान से जुड़े नए कानून की 6 बड़ी बातें जानिए, फायदे में रहेंगे

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किराए के मकान में रहते हैं या किराए पर मकान लेना चाहते हैं तो आपके लिए नए कानून की अहम बातें जानना जरूरी है. केंद्र सरकार ने मॉडल टेनेंसी ऐक्ट यानी आदर्श किराया कानून (Model Tenancy Act) को मंजूरी दी है. इससे किरायेदारी (Rental Property) के विवाद कम होंगे,मकान या व्यावसायिक संपत्ति लेना आसान होगा. जानिए मकान मालिक (Landlords), प्रापर्टी डीलर (Property Dealer) या किरायेदार (Tenants) को क्या अधिकार मिलेंगे.

किराए के मकान में रहने वाले या किराए पर मकान लेने की सोच रहे लोगों के लिए मॉडल टेनेंसी एक्ट के बारे में जानना जरूरी है. केंद्र सरकार ने मॉडल टेनेंसी ऐक्ट यानी आदर्श किराया कानून (Model Tenancy Act) को मंजूरी दे दी है. इस कानून के बाद देश में किराये पर मकान या व्यावसायिक संपत्ति लेना आसान होगा. साथ ही किरायेदारी (Rental Property) से जुड़े कानूनी विवाद भी कम हो जाएंगे. जानिए नए कानून की क्या बारीकियां हैं, जो मकान मालिक (Landlords), प्रापर्टी डीलर (Property Dealer), बिल्डर या किरायेदार को जानना जरूरी हैं.

किराए के मकान में रहने वाले लोगों के लिए जरूरी बात

नए कानून से देश भर में खाली पड़े एक करोड़ के करीब घरों को किराये पर देने का रास्ता साफ होगा. इससे महानगरों (Rental Market) में सस्ते किराये के मकानों के लिए भटक रहे लोगों को आसानी होगी. साथ ही कानूनी विवाद या कब्जे के डर से मकान किरायेदारों (Tenants) को न देने की हिचक खत्म होगी.

किराए के मकान से जुड़ी 6 बड़ी बातें

  1. शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में यह किरायेदारी कानून लागू होगा. हालांकि इसमें न्यूनतम या अधिकतम किराये की कोई सीमा नहीं होगी. मकानमालिक और किरायेदार के बीच आपसी समझौते से ही किराया तय होगा. लेकिन कानूनी तौर पर मान्यता होने से कोई भी बाद में मनमानी नहीं कर पाएगा.
  2. मॉडल टेनेंसी ऐक्ट यानी आदर्श किराया कानून के अनुसार, कोई भी बिना लिखित कानूनी समझौते के न तो किराये पर न तो प्रापर्टी दे सकेगा और न ले सकेगा. यह लिखित समझौता उस राज्य की रेंट अथॉरिटी ( State Rent Authority) के समक्ष दाखिल करना होगा. रेरा की तरह हर राज्य में रेंट अथॉरिटी का गठन किया जाएगा.
  3. संपत्ति किराये पर देने की प्रक्रिया नए कानून के दायरे में होगी. इससे किसी के मन में संपत्ति पर कब्जे की आशंका नहीं होगी. मकानमालिक एडवांस नोटिस (Advance Notice) देकर अपनी संपत्ति को खाली कराने का अधिकार होगा. मकानमालिक (Home Owner) भी किरायेदार पर कभी भी मनमानी शर्तें थोप नहीं पाएंगे.
  4. कानून के तहत, आवासीय संपत्ति (Residential Property) के लिए 2 माह और व्यावसायिक (Commercial Property) के लिए 6 माह का एडवांस देना होगा. इससे मकानमालिकों की मनमानी रुकने के साथ किरायेदारी के प्रावधानों को लेकर अस्पष्टता दूर होगी.
  5. किरायेदार संपत्ति के मालिक से रेंट पर ली प्रापर्टी को बिना उसकी अनुमति के किसी और को किराये पर नहीं दे सकेगा.मकानमालिक की मंजूरी के बगैर किरायेदार को प्रापर्टी में नए ढांचे का निर्माण या बदलाव करने की इजाजत भी नहीं होगी.
  6. हर राज्य में रेंट अथॉरिटी के साथ किरायेदारी से जुड़ी अदालतें (Rent Court) और ट्रिब्यूनल (Rent Tribunal) का स्थापना की जाएगी. इसमें किरायेदारी से जुड़े विवाद 60 दिन में निपटाने का प्रावधान है. दशकों तक किराये की संपत्ति को लेकर विवाद न पैदा हों.

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