मानव लिंग का सबसे बड़ा दुश्मन, ये लोग रहें सावधान

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मानव लिंग के सबसे बड़े दुश्मन का पता चल गया है. और ये दुश्मन है प्रदूषण…अगर आप दिल्ली, लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों में रहते हैं तो आपको इस ताज़ा रिसर्च के बारे में जरूर जानना चाहिए.

इंसानों के लिए बड़ा खतरा महामारी तो है ही, लेकिन उससे ज्यादा घातक प्रदूषण है. एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि प्रदूषण की वजह से पुरुष लिंग के छोटेपन का शिकार हो रहे हैं. न्यूयॉर्क स्थित माउंट सिनाई हॉस्पिटल की स्टडी के मुताबिक पॉल्यूशन का स्तर बढ़ने की वजह से पुरुषों के लिंग का आकार छोटा होता जा रहा है. बच्चे विकृत जननांगों के साथ पैदा हो रहे हैं. आइए जानते हैं इस हैरान कर देने वाली स्टडी में और क्या खुलासा किया गया है?

मानव लिंग का छोटापन और प्रदूषण

अगर प्रदूषण का स्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो मानव जाति के लिए कई नए खतरनाक बदलाव होंगे. माउंट सिनाई हॉस्पिटल (Mount Sinai Hospital) में एनवॉयरॉनमेंटल मेडिसिन और पब्लिक हेल्थ की प्रोफेसर डॉ. शान्ना स्वान (Dr. Shanna Swan) के मुताबिक सिर्फ लिंग का आकार ही छोटा नहीं हो रहा है. बल्कि इंसान की प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ रहा है. 

डॉ. स्वान ने कहा कि ये इंसानों के लिए अस्तित्व संबंधी संकट है. उन्होंने बताया कि स्टडी में एक ऐसे खतरनाक रसायन की पहचान हुई है जो इंसानों की प्रजनन क्षमता को कम कर रहा है. साथ ही इसकी वजह से मानव लिंग छोटे और सिकुड़ रहे हैं. बच्चे विकृत जननांगों (Malformed Genitals) के साथ पैदा हो रहे हैं. प्रदूषण को लेकर डॉ. स्वान ने पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) को ट्वीट भी किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि प्रदूषण के मामले में मैं ग्रेटा के साथ हूं.

इस रसायन का नाम है फैथेलेट्स (Phthalates). इस केमिकल का उपयोग प्लास्टिक बनाने के लिए होता है. इसकी वजह से इंसान के एंडोक्राइन सिस्टम (Endocrine System) पर पड़ता है. इंसानों में हॉर्मोंस के स्राव एंडोक्राइन सिस्टम के जरिए ही होता है. प्रजनन संबंधी हॉर्मोंस का स्राव भी इसी सिस्टम से होता है. साथ ही मानव लिंग को विकसित करने वाले हॉर्मोंस भी इसी सिस्टम के निर्देश पर निकलते हैं.

स्काई न्यूज के मुताबिक डॉ. स्वान ने बताया कि प्रदूषण की वजह से पिछले कुछ सालों में जो बच्चे पैदा हो रहे हैं, उनके लिंग का आकार छोटा हो रहा है. उन्हों इस मुद्दे पर एक किताब लिखी है. जिसका नाम है काउंट डाउन (Count Down). किताब में आधुनिक दुनिया में पुरुषों के घटते स्पर्म, महिलाओं और मानव लिंग और इंसानी नस्ल के खत्म होने की बात कही गई है.

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