टूलकिट मामला: दिशा रवि की गिरफ्तारी की इनसाइड स्टोरी

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शनिवार शाम दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ‘टूलकिट मामले’ में बेंगलुरु से पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद से हंगामा मचा है. उन पर दिल्ली पुलिस ने किसानों के समर्थन में बनाई गई एक विवादित ‘टूलकिट’ को सोशल मीडिया पर शेयर करने का आरोप लगाया है. ये वही टूलकिट है जो पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर शेयर की थी.

दिल्ली की एक अदालत ने 22 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को पाँच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. लाइव लॉ की वेबसाइट के अनुसार क़ानून के जानकारों ने दिशा को पांच दिन पुलिस कस्टडी में भेजने का फ़ैसला लिए जाते वक्त उनके वकील की कोर्ट में ग़ैरमौजूदगी पर सवाल उठाए हैं. उनके वकील की मौजूदगी के बिना उन्हें पुलिस कस्टडी में भेजने को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है.दिल्ली पुलिस ने बताया है कि दिशा को पाँच दिन तक पुलिस हिरासत में रखा जायेगा और इस दौरान उनसे पूछताछ होगी. साथ ही पुलिस ने जाँच के लिए उनका मोबाइल फ़ोन और लैपटॉप भी सीज़ कर लिया है.

दिशा ने बेंगलुरु के एक प्राइवेट कॉलेज से बीबीए की डिग्री ली है और वो पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था ‘फ़्राइडेज़ फ़ॉर फ़्यूचर’ के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. सुप्रीम कोर्ट की वकील रेबेका जॉन ने इस मुद्दे पर फ़ेसबुक पर लिखा है, “पटियाला कोर्ट के ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आज के आचरण से मुझे निराशा हुई है. उन्होंने महिला का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोर्ट में वकील की मौजूदगी सुनिश्चित किए बिना उन्हें पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया.” “जजों को अपने कर्तव्य को गंभीरता से निभाना चाहिए और ये सुनिश्चित करना चाहिए कि संविधान के अनुच्छेद 22 का पूरी तरह पालन किया जाए. अगर सुनवाई के दौरान महिला का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील नहीं थे तो मजिस्ट्रेट को उनके वकील के आने का इंतज़ार करना चाहिए था नहीं तो उन्हें क़ानूनी मदद मुहैय्या करानी चाहिए थी. क्या केस डायरी और अरेस्ट मेमो को देखा गया?”

उन्होंने ये भी सवाल किया कि क्या मजिस्ट्रेट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल से ये पूछा कि महिला को बेंगलुरू की कोर्ट के ट्रांजिट रिमान्ड के बिना दिल्ली के कोर्ट में क्यों पेश किया गया? सांसद और कांग्रेस सदस्य जयराम रमेश ने दिशा की गिरफ्तारी को ‘अत्याचार’ कहा है. उन्होंने ट्वीट किया, “ये परेशान करना और डर फैलाना है. मैं दिशा रवि का समर्थन करता हूं.” वहीं दिल्ली पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है कि “दिशा रवि जिसे दिल्ली पुलिस की साइबर टीम ने गिरफ़्तार किया है, वो उस टूलकिट की एडिटर हैं और उस दस्तावेज़ को तैयार करने और उसे सोशल मीडिया पर सर्कुलेट करने वाली मुख्य साज़िशकर्ता हैं.”

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दिल्ली पुलिस ने 4 फ़रवरी को यह जानकारी दी थी कि उसने सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे ‘टूलकिट डॉक्यूमेंट’ का संज्ञान लेते हुए एक एफ़आईआर दर्ज की है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक़, 26 जनवरी को हुई हिंसा सुनियोजित थी, जिसमें इस दस्तावेज़ की भूमिका बताई गई है. दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस टूलकिट में भारत के ख़िलाफ़ आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और क्षेत्रीय जंग छेड़ने का आह्वान किया गया है.

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