#PanchayatOnline: ‘प्रधानमंत्री जी पारदर्शिता छोड़िए, यहांं प्रधान शौचालय निर्माण में लाखों पचा गए और डकार भी नहीं ली’

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‘हम तो शिकायत कर-कर के थक गए हैं. कहीं कोई सुनवाई नहीं होती. अब जौनपुर जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया है देखो डीएम साहब एक्शन लेते हैं या नहीं. साहब हमारे गांव में शौचालय, नरेगा, खड़ंजा, आवास, तालाब, नाली, चकरोड़ हर जगह घोटाला है. अगर एक बार अधिकारी ढंग से जांच कर दें तो प्रधान जी का काला चिट्ठा खुल जाएगा’ – धमेंद्र कुमार, मनौरा

#PanchayatOnline: 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पंचायतों को ऑनलाइन करके पंचायतों के कामकाज में पारदर्शिता की बात कही थी. लेकिन उत्तर प्रदेश में जौनपुर के मनौरा गांव में पारदर्शिता शब्द से पंचायत का कोई बास्ता नहीं है. हालात यहां तक खराब हो गए हैं कि पंचायत सदस्यों ने प्रधान अशोक कुमार सैनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सदस्यों का कहना है कि पंचायत में ना तो कोई बैठक होती है और ना ही नियम के हिसाब से कोरम भरा जाता है. प्रधान मनमानी करते हैं.

ज्यादातर कामों में हुआ है गबन

मनौरा में रहने वाले धर्मेंद्र कुमार दर्जनों गांववालों के खिलाफ पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने गांववालों के दस्तखत वाला ज्ञापन जौनपुर जिलाधिकारी को दिया है. इस ज्ञापन में उन्होंने पंचायत को ओडीएफ घोषित करने, पंचायत में शौचालय निर्माण में होने वाली अनिमित्ताओं के आकंड़े दिए हैं. ब्लॉक अधिकारी बरसठी से मिली जानकारी के मुताबिक, ग्रामसभा मनौरा में कुल 333 शौचालय आए. 333 में से 41 अपात्र हुए बाकी 292 शौचालय का 35 लाख 4 हजार रुपए वर्तमान प्रधान अशोक कुमार सैनी ने निकाला. इस पैसे से 220 शौचालयों का निर्माण कराया गया. 220 में से 51 अधूरे हैं बाकी 13 लोगों को अभी तक पैसा नहीं मिला है. ये 13 वो लोग हैं जिनसे प्रधान ने कहा था कि वो अपने पास से शौचालय बनवा लें बाद में उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा. पंचायत में 72 बनवाए ही नहीं गए. इस शौचालयों का पैसा कहां गया इसका हिसाब प्रधान देने को तैयार नहीं है.

गांव में ही रहने वाली सरोजा देवी बताती हैं, ‘बहुत परेशानी होती है. सरकार तो कह रही है कि सबको शौचालय मिल गया लेकिन सच्चाई ये है कि पैसा प्रधान जी डकार गए.’

इसी गांव में रहने वाली रिंकी कहती हैं कि ‘उनके यहां शौचालय है लेकिन उन्हें पैसा नहीं मिला है.’ गांव में दर्जनों लोग ऐसे हैं जिन्हें कागजों में शौचालय तो मिल गया लेकिन सच्चाई में वो शौच के लिए खेतों में जाते हैं. गांव वालों का कहना है कि बात सिर्फ शौचालय निर्माण या ओडीएफ स्कीम में गबन की नहीं है. मनौरा ग्राम पंचायत का हाल बेहाल है. यहां आवास निर्माण से लेकर तालाब की खुदाई तक में गबन किया गया है.

https://youtu.be/gbD89nXXneM

जौनपुर बरसठी विकासखंड के मनौरा गांव के 50 से ज्यादा लोगों ने इस बार सीधी शिकायत जौनपुर दिनेश कुमार सिंह से की है. गांव वालों को उम्मीद है की प्रशासन संज्ञान लेगा. गांव में ही रहने वाले जोगन माली, शिवनारायण, गुलाब शंकर, छोटेलाल, दुर्गावती, बृजेश, सूर्य बली, शुभम, सुनीता और धर्मेंद्र कुमार जैसे 50 लोग बताते हैं कि हमारे गांव में 8 लाख का तो सीधा सीधा गबन हुआ है. अगर ढँग से जांच हुई तो भ्रष्टाचार की कई परतें खुलेंगी.

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अंकित तिवारी, स्वतंत्र पत्रकार

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