किसान शहीद दिवस: ‘लॉकडाउन का फायदा उठाकर किसान विरोधी नीतियां बना रही है केंद्र सरकार’
‘केंद्र सरकार कोरोनावायरस के कारण लागू किये गए लॉकडाउन का फायदा उठाकर किसान-विरोधी अध्यादेश पारित कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने C2+50% के फार्मूले के अनुसार किसानों को MSP नहीं दिया है और निकट भविष्य में राष्ट्रीय किसान महासंघ विभिन्न राज्यों से आंकड़े इकठ्ठा कर C2 लागत के असली आंकड़ों को कृषि मंत्रालय के साथ साझा करेगा एवम C2 लागत के सरकारी आंकड़ों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी ‘
यह कहना है मध्यप्रदेश से किसान नेता शिव कुमार कक्काजी का. उनका मानना है अध्यादेश के जरिये कानून बनाना अलोकतांत्रिक है और किसानों के विषय में कोई भी कानून बनाने से पहले केंद्र सरकार को किसानों से चर्चा करनी चाहिए. यह बात उन्होंने राष्ट्रीय किसान महासंघ की ओर से आयोजित टेली कॉन्फ्रेंसिंग में कही. राष्ट्रीय किसान महासंघ ने देशभर में “किसान शहीद दिवस” पर शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी और हजारों युवाओं व किसानों ने उपवास किया. प्रसिद्ध समाजसेवी एवम गांधीवादी नेता श्री अन्ना हजारे ने भी किसानों को श्रद्धांजलि दी एवम किसानों को स्वमीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार MSP देने की मांग केंद्र सरकार से की.
शहीद किसानों को किया याद, हजारों किसानों ने किया सामूहिक उपवास
6 जून को “किसान शहीद दिवस” पर शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए शहीद किसानों की स्मृति में हजारों किसानों एवम नौजवानों ने आज 1 दिन का उपवास किया. कोरोनावायरस के कारण रेड जोन में सभी किसानों ने अपने घरों में ही उपवास किया व ग्रीन जोन में किसानों ने सोशल डिस्टेनसिंग का ध्यान रखते हुए गाँवों में सामूहिक उपवास किया. राष्ट्रीय किसान महासंघ ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों को जागरूक किया. इस दौरान समाजसेवी अन्ना हजारे ने वीडियो संदेश में कहा कि ‘केंद्र सरकार किसानों को उनकी फसलों का स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार MSP नहीं दे रही है. जब तक किसानों को लागत के ऊपर 50% जोड़कर MSP नहीं दिया जाएगा तब तक किसानों की स्थिति में सुधार संभव नहीं है.
जवाबदेही से बचना चाहती है केंद्र सरकार
पंजाब से किसान नेता श्री जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि ‘केंद्र सरकार WTO व अन्य वैश्विक संस्थानों के दबाव में APMC एक्ट में बदलाव कर के किसानों को मिलने वाले MSP को खत्म करने की तरफ कदम बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की फसलों की MSP पर खरीद की अपनी जवाबदेही से बचना चाहती है। उन्होंने कहा आवश्यक वस्तु कानून में संशोधन से सिर्फ बड़े पूंजीपतियों को फायदा होगा। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि MSP खत्म करने की कोशिश की गई तो सरकार गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे ‘
“वन नेशन, वन बाजार” से व्यापारियों को फायदा होगा
कर्नाटक से श्री के. शांताकुमार ने कहा कि केंद्र सरकार विद्युत अधिनियम 2020 के जरिये किसानों को सस्ती दरों पर मिलने वाली बिजली बंद करना चाहती है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार किसानों को विद्युत अधिनियम 2020 से बाहर रखे अन्यथा केंद्र सरकार को किसानों के देशव्यापी आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि “वन नेशन, वन बाजार” से व्यापारियों को फायदा होगा और किसानों का शोषण बढ़ेगा।
उत्तरप्रदेश से श्री हरपाल चौधरी ने कहा कि गन्ना किसानों के हजारों करोड़ों रुपये गन्ना मिलों पर बकाया हैं लेकिन केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कोई कदम नहीं उठा रही।
उन्होंने कहा कि गन्ना मिलों द्वारा गाँवों में लगे हुए तौल-कांटें उखाड़े जा रहे हैं जिस से किसानों को अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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