फिर बंद हो सकती है मैगी, SC ने नेस्ले पर लगाया जुर्माना

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आपको याद होगा जब मैगी बंद हुई थी तो लोग कितने परेशान हो गए थे. मैगी के लिए लोगों की बेचैनी ठीक भी थी क्योंकि 10 मिनट में पेट भरने क इंतजाम हो जाता है और महंगी भी नहीं है मैगी. भारत में एक बड़ा वर्ग है जो मैगी का शौकीन है. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने मैगी के बारे में कहा है कि हमे ऐसी मैगी नहीं खानी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने नेस्ले इंडिया के खिलाफ 640 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के मामले में फिर से मामला चलाने की इजाजत दे दी है. अब मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले पर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में मामला चलाया जाएगा. नेस्ले पर आरोप है कि कारोबार के लिए गलत तरीके अपनाएए, झूठी लेबलिंग की और भ्रामक विज्ञापन दिखाकर लोगों को गुमराह किया.

गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मैसुरू लैब की जांच में मैगी नूडल्स में लेड की मात्रा तय सीमा के दायरे में पाई गई है. इस पर शीर्ष अदालत ने सवाल किया, ‘हमें लेड वाली मैगी क्यों खानी चाहिए?’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले पर केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (मैसुरू) की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाए.

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