जम्मू कश्मीर में ऐसा क्या हो रहा है कि लोग खौफजदा हैं ?

0

जम्मू कश्मीर में हालात बेहद खौफजदा है. पिछले कुछ दिनों से हलचल बढ़ गई है. सरकार ने घाटी में मौजूद तमाम पर्यटकों और अमरनाथ यात्रा पर गए तीर्थ यात्रियों को भी कश्मीर छोड़ने के लिए कहा है.

बीते कुछ दिनों से जम्मू कश्मीर में विशेष दर्जे (अनुच्छेद 35ए) के संबंध में किसी फैसले की संभावनाओं को देखते हुए हालात तनाव पूर्ण बने हुए हैं. इस पर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को स्प्ष्ट संकेत दिए हैं कि अब मसला आर-पार का है. भारत ने जनता के बजाय जमीन को तवज्जो दी. आपको बता दें कि अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त बलों की तैनाती की है. कश्मीर के हालात को देखते हुए पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती ने शुक्रवार रात अपने निवास स्थान पर एक आपात बैठक भी बुलाई थी. इस बैठक में जम्मू कश्मीर के क्षेत्रिय दलों के नेता भी शामिल हुए थे. नेशनल कॉन्फ्रेंस के फ़ारूक़ अब्दुल्लाह, पीपल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन और पीपल्स मूवमेंट के शाह फ़ैसल भी बैठक में शामिल हुए थे.

बैठक के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि अगर सरकार यह दावा करती है कि घाटी में हालात बेहतर हुए हैं तो यहां सुरक्षाबलों की संख्या क्यों बढ़ाई जा रही है. महबूबा ने आर्टिकल 35 A का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा,

इस तरह की अफवाहें हैं कि सरकार आर्टिकल 35 ए और विशेष राज्य के दर्ज़े में बदलाव करने जा रही है. इस्लाम में हाथ जोड़ने की इजाज़त नहीं है, फिर भी मैं प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि ऐसा ना करें.”

जम्मू कश्मीर में हलचल को लेकर बेचैनी हर ओर बढ़ी है. जम्मू कश्मीर के तमाम क्षेत्रीय नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मुलाकात की और घाटी में फैली अव्यवस्था और अफवाहों को रोकने की अपील की है. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने इस घटनाक्रम पर कहा है कि राज्य में हालात सामान्य हैं. सत्यपाल मलिक ने कहा है,

सुरक्षा संबंधी सूचना और दूसरे मुद्दों को एक साथ मिला दिया गया है, जिस वजह से कई तरह की अफ़वाहों ने जन्म ले लिया है. मैंने तमाम राजनेताओं से अपील की है कि वे अपने समर्थकों से इन दो अलग-अलग मुद्दों को मिलाने ना दें. साथ ही किसी तरह की अफ़वाहों पर ध्यान न दें.”

वहीं दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से एक सुरक्षा संबंधी सूचना भी जारी की गई. कहा गया है कि घाटी में आतंकी हमला हो सकता है.

इसलिए अमरनाथ यात्री और पर्यटक वापस लौट जाएं. सरकार ने यात्रियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा की अवधि को छोटा कर जल्दी से जल्दी घाटी छोड़ने की कोशिश करें.

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *