लोकसभा चुनाव का एलान, 11 अप्रैल को पहले चरण का मतदान
नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के साथ ही चार राज्यों के विधानसभा चुनावों की भी घोषणा की है. 17वीं लोकसभा का चुनाव सात चरणों में होगा. पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल होगा और आखिरी चरण 19 मई को होगा. 17वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को आएंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया है.
- पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल
- दूसरे चरण का मतदान 18 अप्रैल
- तीसरे चरण का मतदान 23 अप्रैल
- चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा
- पांचवें चरण का मतदान 6 मई को होगा
- छठवें चरण का मतदान 12 मई को होगा
- सातवें चरण का मतदान 19 मई को होगा
चुनाव आयोग ने कहा है कि 27 मई तक पूरा चुनाव सम्पन्न हो जाएगा. चुनाव आयोग ने चार राज्यों के विधानसभा चुनाव का भी एलान कर दिया है. ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव नहीं होगा. आपको बता दें कि देश के तीन बड़े राज्य यूपी, पश्चिम बंगाल और बिहार में सातों चरण में चुनाव होगा.
10 लाख पोलिंग बूथ और हर बूथ पर वीवीपैट का इस्तेमाल
चुनाव आयोग ने कहा है कि 17वीं लोकसभा के गठन के लिए 90 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे. 18 से 19 साल के डेढ़ करोड़ मतदाता हैं. इस चुनाव में 8 करोड़ 43 लाख नए मतदाता इस बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. चुनाव के लिए 10 लाख पोलिंग बूथ बनाएं गए हैं. चुनाव आयोग ने वोटिंग लिस्ट से जुड़ी हुई कोई भी जानकारी के लिए 1950 टोल फ्री नंबर जारी किया है.
चुनाव आयोग को एंड्रॉयड एप के जरिए कर सकते हैं शिकायत
चुनाव आयोग ने इस बार एक और व्यवस्था की है. इंतजाम ये किया गया है कि अगर कोई आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो उसकी जानकारी एक एंड्रॉयड एप के जरिए चुनाव आयोग को दी जा सकती है. शिकायतकर्ता की पहचान उजागर नहीं की जाएगी. और इस पर जांच करक एक्शन लिया जाएगा. व्यव्स्था ये भी की गई है कि ईवीएम की लोकेशन को जीपीएस के जरिए ट्रैक किया जाएगा. चुनाव आयोग ने कहा है कि 48 मतदान के 48 घंटे पहले लाउडस्पीकर पर बैन होगा और हर संवेदनशील स्थान पर सीआरपीएफ तैनात होगी.
उम्मीदवारों के सोशल मीडिया प्रचार पर आयोग रखेगा नजर
चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों के सोशल मीडिया प्रचार पर भी नजर रखने का फैसला किया है. चुनाव आयोग ने ये भी कहा है कि गुगल और फेसबुक ने कटेंट को लेकर उन्हें आश्वासन को दिया है.
किस मॉडल से होता है भारत में चुनाव ?
भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था ब्रितानी वेस्टमिन्स्टर मॉडल पर आधारित है. हालांकि लोकसभा चुनाव ब्रिटेन में एक ही दिन में सम्पन्न हो जाते हैं. ब्रिटेन में कुछ घंटों में चुनाव पूरा होता है और अगली सुबह तक नतीजे आ जाते हैं लेकिन भारत में चुनाव की प्रक्रिया लंबी चलती है. यहां कई चरणों में मतदान होता है और हर चरण के मतदान के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम को मतगणना तक सुरक्षित रखा जाता है.
कितनी सीटें है लोकसभा में ?
संविधान के लोकसभा सीटों की अधिकतम संख्या 552 हो सकती है. फिलहाल लोकसभा सीटों की संख्या 545 है. जिनमें से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 543 सीटों के लिए आम चुनाव होने हैं. इनके अलावा अगर राष्ट्रपति को लगता है कि एंग्लो-इंडियन समुदाय के लोगों का लोकसभा में प्रतिनिधित्व काफ़ी नहीं है तो वह दो लोगों को नामांकित भी कर सकते हैं. 131 सीटें रिजर्व हैं जिसमें अनुसूचित जाति के लिए 84 और अनुसूचित जनजाति के लिए 47 सीटें रिज़र्व हैं. बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए 272 सीटों की जरूरत है. अगर किसी दल को इतनी सीटें नहीं मिलती हैं तो वो दूसरे दलों के सहयोग से सरकार बना सकता है. लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद लेने के लिए विपक्षी पार्टी के पास कम से कम कुल सीटों की 10 फ़ीसदी संख्या होनी चाहिए यानी 55 सीटें.