संबित पात्रा का सयानापन नहीं आया काम, #Toolkit विवाद में फंसी आफत में जान

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संबित पात्रा (Sambit Patra) वैसे तो बीजेपी के प्रखर प्रवक्ता हैं लेकिन #Toolkit विवाद में उन्होंने अपनी पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है. पात्रा भारतीय जनता पार्टी के ऐसे पहले प्रवक्ता बन गए हैं जिनके ट्वीट को ट्विटर ने ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ की श्रेणी में रखा गया है.

अब आप सोच रहे होंगे यह मैनिपुलेटेड मीडिया श्रेणी क्या है जिसकी वजह से संबित पात्रा की इतनी किरकिरी हो रही है. मैनिपुलेटेड मीडिया मतलब ऐसी तस्वीर, वीडियो या स्क्रीनशॉट जिसके ज़रिए किए जा रहे दावों की प्रमाणिकता को लेकर संदेह हो और इसके मूल रूप को एडिट किया गया हो या उससे छेड़छाड़ की गई हो. ये सब कुछ हुआ बीजेपी के एक दावे को लेकर जिसमें संबित पात्रा सहित बीजेपी के कई नेताओं ने विपक्षी कांग्रेस पार्टी पर कोविड-19 महामारी को लेकर टूलकिट के ज़रिए मोदी सरकार की छवि बिगाड़ने का आरोप लगाया.

संबित पात्रा का सयानापन नहीं आया काम

18 मई को बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और बीजेपी के महासचिव बीएल संतोष ने चार-चार पेज के अलग-अलग दो डॉक्यूमेंट के स्क्रीनशॉट ट्वीट किए. इनमें से एक डॉक्यूमेंट कोविड-19 को लेकर था और दूसरा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर. इन ट्वीट्स में दावा किया गया कि ये कांग्रेस का टूलकिट है और कांग्रेस ने देश में कोरोना महामारी को लेकर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए ये टूलकिट तैयार किया है.

आरोप लगाया गया कि इस टूलकिट के ज़रिए पार्टी ने अपने वॉलिंटियर्स और कार्यकर्ताओं को कहा कि मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए उन्हें धर्म विशेष को टारगेट करते हुए ‘सुपर स्प्रेडर कुंभ’ और वायरस के म्यूटेन्ट स्ट्रेन के लिए ‘मोदी स्ट्रेन’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर करें, लेकिन ईद को ‘हैप्पी सोशल गैदरिंग’ की तरह पेश करना है.

संबित पात्रा की कैसे खोली पोल?

18 मई को कांग्रेस रिसर्च डिपार्टमेंट के प्रमुख राजीव गौड़ा ने ट्वीट किया और कहा, “बीजेपी ‘कोविड-19 मिसमैनेजमेंट’ को लेकर फ़ेक ‘टूलकिट’ कांग्रेस रिसर्च डिपार्टमेंट के नाम से फैला रही है. हम इस धोखाधड़ी पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संबित पात्रा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर कर रहे हैं.” कांग्रेस ने संबित पात्रा, बीएल संतोष, जोपी नड्डा, स्मृति ईरानी और अन्य बीजेपी नेताओं के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है.

अहम बात ये कि सेंट्रल विस्टा पर जो डॉक्यूमेंट टूलकिट बता कर शेयर किए जा रहे हैं वो दरअसल टूलकिट नहीं बल्कि एक रिसर्च डॉक्यूमेंट है जिसमें सेंट्रल विस्टा प्रोजक्ट के कारण होने वाले नुक़सान की बात कही गई है. जबकि टूलकिट दरअसल वो डॉक्यूमेंट होता है जिसमें एक्शन प्वाइंट दिए गए होते हैं, कि कैसे किसी मुद्दे पर आगे बढ़ना है. दोनों ही डॉक्यूमेंट ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी रिसर्च डिपार्टमेंट के लेटरहेड पर तैयार किए गए हैं.

फर्जी लेटर हेड पर तैयार की गई कथित #Toolkit

अहम बात ये भी है कि संबित पात्रा और बीजेपी नेताओं कांग्रेस की बनाई टूलकिट बता कर जो दो डॉक्यूमेंट शेयर किए हैं उसके केवल स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं, न कि उनके पीडीएफ़ या वर्ल्ड फ़ाइल. ऐसे में उसका मेटाडेटा निकाला नहीं जा सका और ऑथर का पता नहीं चल सकता. ऐसे में बीजेपी ने कोविड-19 मिसमैनेजमेंट को लेकर जो डॉक्यूमेंट सोशल माडिया पर शेयर किया है वो कई स्तर पर फ़र्ज़ी साबित होता है.

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