Sachin Pilot: राजस्थान के नए ‘पायलट’ का सियासी सफर, ये बातें नहीं जानते होंगे आप
Sachin Pilot:मीडिया संस्थान में इंटर्न रहे,अमरीकी कंपनी जनरल मोटर्स में नौकरी की, 26 साल की उम्र में अजमेर का सबसे युवा सांसद बने। 32 में महनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री, 36 में राजस्थान कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष और 40 साल में प्रदेश का उप मुख्यमंत्री बना। हम बात कर रहे हैं कांग्रेस नेता सचिन पायलट की।
Sachin Pilot political journey: राजनीति में आने को लेकर सचिन पायलट ने कहा था- पिता के निधन के बाद जिंदगी एकदम बदल गई थी। मैंने सोच-समझकर राजनीति में आने का फैसला किया। राजनीति कोई सोने का कटोरा नहीं है, जिसे कोई आगे बढ़ा देगा। इस क्षेत्र में अपनी जगह खुद बनानी होती है।
Sachin Pilot का सियासी सफर
- सचिन पायलट का जन्म उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में साल 1977 में हुआ था।
- उनके पिता राजेश पायलट एयर फोर्स में थे। बाद में वह कांग्रेस के दिग्गज नेता बने।
- पायलट की मां रमा पायलट भी विधायक रहीं।
- 45 साल के पायलट ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत दिल्ली के एयर फोर्स बाल भारती स्कूल से की।
- दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली।
- अमरीका के पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय के व्हॉर्टन स्कूल से एमबीए की डिग्री भी हासिल की।
Sachin Pilot दिल्ली में एक मीडिया संस्थान में बतौर इंटर्न और एक अमरीकी कंपनी जनरल मोटर्स में भी काम कर चुके हैं। पायलट अपने पिता की तरह वायुसेना में भर्ती होना चाहते थे। वह विमानों को उड़ानें का ख्वाब देखा करते थे, लेकिन आंखें कमजोर होने के कारण उनका यह सपना अधूरा रह गया। एक पुराने इंटरव्यू में पायलट ने इसे लेकर कहा था कि जब मुझे पता चला कि मेरी आंखों की रोशनी कमजोर है तो मेरा दिल टूट गया था। मैं अपने पिता की तरह एयरफोर्स पायलट बनना चाहता था।
2002 में कांग्रेस में शामिल हुए
- पिता राजेश पायलट के जन्मदिन 10 फरवरी 2002 में सचिन कांग्रेस में शामिल हुई।
- इसी साल 11 जून को राजेश पायलट की एक सड़क हादसे में मौत हो गई।
- यहां से पायलट की जिंदगी में बड़ा मोड़ आया और फिर उनका सियासी सफर शुरू हो गया।
- दो साल बाद 2004 में वह दौसा से सांसद चुने गए। इस समय सचिन पायलट की उम्र सिर्फ 26 साल थी।
- इस दौरान वह गृह मामलों पर लोकसभा की स्थायी समिति के सदस्य भी बनाए गए।
- 2006 में वह नागरिक उड्डयन मंत्रालय में सलाहकार समिति के सदस्य भी बने।
- 2009 के लोकसभा चुनाव में पायलट भाजपा उम्मीदवार किरण माहेश्वरी को हराकर अजमेर से सांसद बने।
- 2012 में मनमोहन सरकार में पायलट को संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी केंद्रीय मंत्री बनाया गया।
- 2014 के लोकसभा चुनाव की मोदी लहर में पायलट अपनी अजमेर सीट नहीं बचा पाए और चुनाव हार गए।
राजस्थान में सचिन का सियासी सफर
- 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद सचिन पायलट राजस्थान की राजनीति में सक्रिय हुए।
- 2018 विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
- राजस्थान में पार्टी को प्रदेश में एक बार फिर खड़ा करने के लिए पायलट ने बहुत मेहनत की।
दावा किया जाता है कि 2018 के चुनाव से पहले पायलट ने करीब साढ़े पांच लाख किमी. की यात्रा कर कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया और पार्टी को भाजपा के मुकाबले में ला दिया था। ऐसे में यह भी कहा जाने लगा कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री सचिन पायलट ही होंगे। चुनाव बाद कांग्रेस की सरकार बनी, लेकिन टोंक विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक बने पायलट सीएम नहीं बन पाए। कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया और पायलट को उप मुख्यमंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा।
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