Valley of flowers Uttarakhand: इस घाटी में आकर लोग दुनिया भूल जाते हैं !
Valley of flowers Uttarakhand: देवभूमि में दुनियाभर से लोग आते हैं. यहां एक फूलों की घाटी है जिसकी खूबसूरती दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है. क्या है इसकी खासियत और क्यों लोग इसे देखने के लिए लालायित रहती हैं.
Valley of flowers Uttarakhand: उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यहां हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक आते हैं. इस घाटी के बारे में कहा जाता है कि यहां आकर लोग दुनिया भूल जाते हैं. क्योंकि कुदरत ने इतनी सुंदरता दी है जिससे ये सबका मन मोह लेती है.
फूलों की घाटी के बारे में…Valley of flowers Uttarakhand
- फूलों की घाटी को विश्व धरोहर घोषित किया गया है.
- यह घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है.
- यहां आपको फूलों की 500 से ज्यादा प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी.
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंदर पर्यटकों को शिविर लगाने की अनुमति नहीं दी जाती है.
- ऐसे में पर्यटक इस घाटी के निकटतम कैंपिंग साइट पर ही कैंपिंग करते हैं.
- फूलों की घाटी का नजदीकी कैंपिंग साइट घांघरिया का सुरम्य गांव होगा.
- जहां शिविर लगाकर पर्यटक कई दिनों तक रहते हैं और
- फूलों की घाटी की खोज सबसे पहले फ्रैंक स्मिथ ने 1931 में की थी. फ्रैंक ब्रिटिश पर्वतारोही थे.
- फ्रेंक और उनके साथी होल्डसवर्थ ने इस घाटी को खोजा और उसके बाद यह प्रसिद्ध पर्यटल स्थल बन गया.
- इस घाटी को लेकर स्मिथ ने “वैली ऑफ फ्लॉवर्स” किताब भी लिखी है.
- फूलों की घाटी में उगने वाले फूलों से दवाई भी बनाई जाती है.
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