लखीमपुर खीरी में पुलिस की पोल खुल गई, ये है असली कहानी?

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UP police exposed in Lakhimpur Kheri, this is the real story?

लखीमपुर खीरी में दो सगी बहनों की लाशें पेड़ से लटकी मिलने के बाद दहशत का माहौल है. इस घटना के बाद एक बार फिर से यूपी पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. विपक्ष ने इस घटना के लिए सीधे तौर पर योगी सरकार को जिम्मेदार बताया है.

लखीमपुर खीरी में बुधवार की शाम को हुई ये घटना निघासन थाना क्षेत्र की है. बताया जा रहा है कि लड़कियों की उम्र 15 साल और 17 साल थी. स्थानीय ग्रामीणों और मृतक लड़कियों के परिवारवालों का आरोप है कि तीन लोगों ने लड़कियों के साथ पहले बलात्कार किया और बाद में उनकी हत्या कर शव पेड़ से लटका दिए. लेकिन पुलिस इस थ्योरी से इंकार कर रही है. पुलिस ने इस मामले में छह अभियुक्तों को गिरफ़्तार करने का दावा किया है और कहा है कि लड़कियों को जबरन ले जाने या अपहरण के आरोप ग़लत हैं.

इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं. पूर्व मुख्यमंत्रियों अखिलेश यादव, मायावती और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इसे सरकार की विफलता बताया है. इस मामले में लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,

“अभियुक्त दोनों सगी बहनों को जबरन नहीं ले गए. मुख्य अभियुक्त लड़का इन लड़कियों के घर के पास रहता था. लड़कियों को बरगलाकर खेत में ले जाया गया. मुख्य अभियुक्त ने ही दूसरे तीन लड़कों से ही इन दो लड़कियों की दोस्ती कराई थी. इन चार के अलावा दो अन्य को साक्ष्य मिटाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.”

घटना के बाद लखीमपुर खीरी में गुस्से और तनाव का माहौल है. उत्तेजित ग्रामीणों ने गांव से कुछ दूर निघासन चौराहे पर प्रदर्शन भी किया. प्रदर्शनकारी अभियुक्तों की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे थे. निघासन चौराहे पर प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि घटना के दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

ग्रामीणों का कहना था कि लड़कियों की लाशें गन्ने के खेत में एक पेड़ से लटकी मिलीं. लड़की की मां ने स्थानीय पत्रकारों को बताया कि उन्हें शक है कि उनकी बेटियों का क़त्ल किया गया है. लखीमपुर में हुई घटना के बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसकी तुलना बदायूँ रेप कांड से करने लगे. साल 2014 में बदायूँ ज़िले के एक गांव में दो दलित बहनों के शव पेड़ से लटके मिले थे. बाद में केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने लड़कियों के साथ गैंगरेप और उसके बाद हत्या की जाँच की थी.

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