देवभूमि उत्तराखंड के वो 5 मंदिर जहां पूरी होती है हर मन्नत, भक्तों की लगी रहती है भीड़

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देवभूमि उत्तराखंड (devbhumi Uttrakhand)भारत का एक मात्र ऐसा राज्य है जहां अनेक तीर्थ धाम पाए जाते हैं। अपनी प्राकृतिक सुंदरता एवं ठंडे तापमान से उत्तराखंड (natural beauty of Uttarakhand) सदेव से लोगो का स्नेह केंद्रित करता आ रहा है।

top tourist place of Uttarakhand :भारत विश्व का एक मात्र ऐसा देश है जिसका इतिहास उसकी अटूट संस्कृति, परंपराओं , धार्मिक एकता एवं रीति रिवाज़ों से जाना जाता है। भारत के तमाम गड़ जैसे शिरडी, शिवल्ली, मेंहदीपुर आदि शुरू से तीर्थ यात्राओं का केंद्र रहे हैं। जिनमे से देवभूमि उत्तराखंड को कुछ अलग ही विशेषताएं प्राप्त है। उत्तराखंड जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है वह भारत का एक मात्र ऐसा राज्य है जहां अनेक तीर्थ धाम पाए जाते हैं। अपनी प्राकृतिक सुंदरता एवं ठंडे तापमान से उत्तराखंड सदेव से लोगो का स्नेह केंद्रित करता आ रहा है। आज हम आपको उत्तराखंड के कुछ ऐसे मंदिरों की सूची से अवगत कराएंगे, जहां जाकर न केवल आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी बल्कि आपका सरमस्तक भी गौरवान्वित होगा।

देवभूमि उत्तराखंड के मंदिरों की सूची list of Uttarakhand temple

बद्रीनाथ धाम –

Badrinath dham


बद्रीनाथ धाम को हिंदू धर्म अनुसार एक विशेष स्थान प्राप्त है। भगवान विष्णु को समर्पित यह धाम समुद्रतल से लगभग 10,827 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण गढ़वाल के राजाओं द्वारा करवाया गया था। बद्रीनाथ धाम पूरे भारत में होने वाली चार धाम यात्रा का एक प्रमुख स्तंभ है। पवित्र नदी अलकनंदा के निकट बना यह धाम श्रद्धालुओं के दर्शन करने के लिए शोभनीय है। हर किसी को अपने पूरे जीवनकाल में एक न एक बार इस धाम की यात्रा जरूर करनी चाहिए। बद्रीनाथ धाम की यात्रा करने के लिए एक विशेष समय निर्धारित है। यहां के पट मई से जून व सितंबर से अक्टूबर तक श्रद्धालुओं के लिए खुले रहते है। आस पास का पहाड़ी इलाका व घने जंगल इस धाम को और आकर्षित बनाते है।

केदारनाथ धाम –

Kedarnath temple

पूरे भारत में सबसे अधिक प्रसिद्ध केदारनाथ का धाम उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। हिमालय पर्वत की गोद में बैठे केदारनाथ मंदिर को श्रद्धालुओं का अलग ही स्नेह व श्रद्धा प्राप्त है। केदारनाथ का यह मंदिर 12 जोयोतिलिंगो में से एक है। केदारनाथ का यह धाम उत्तराखंड का सबसे विशाल शिव मंदिर माना जाता है। केदारनाथ का मंदिर तीनों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है। युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक, महादेव के इस धाम की यात्रा करने को अपना सौभाग्य समझते है।

नंदा देवी मंदिर-

nanda devi temple

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित माता दुर्गा के अवतार नंदा देवी का यह मंदिर समुद्रतल से 7816 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। माता दुर्गा की अवतार नंदा देवी महादेव की पत्नी है। नंदा देवी राजा दक्ष प्रजापति की पुत्री भी हैं, इसलिए सभी गढ़वाली लोग उन्हें पर्वतांचल की पुत्री मन उन्हें पूजते है। हिंदू धर्म अनुसार माता नंदा का यह मंदिर अतुलनीय है। श्रद्धालुओं की आस्था का यह मंदिर 1000 साल से भी पुराना है। माता नंदा के इस मंदिर का निर्माण चंद्र वंश के राजाओं ने मिलकर किया था।

गंगोत्री मंदिर –

gangotri temple


महादेव की जटाओं से बहने वाली माता गंगा का यह धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित है। मान्यातों अनुसार यह वो जगह है जहां माता गंगा ने पहली बार धरती को स्पर्श किया था। इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में एक गोरखा कमांडर ‘अमर सिंह थापा’ द्वारा करवाया गया था। मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम के पूर्वज रघुकुल के राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों को पाप मुक्त करवाने के लिए माता गंगा को धरती पर बुलाने के लिए यहीं तपस्या की थी। माता गंगा का यह धाम 3100 की ऊंचाई पर बना है।

जागेश्वर मंदिर-

jageswar Temple

12 ज्योतिलिंग में से एक जागेश्वर धाम उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। महादेव के इस मंदिर को योगेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार यह ऐसा पहला मंदिर है जहां लिंग के रूप में शिवपूजन की परंपरा का शुभ आरंभ हुआ था। इतिहासकारों के अनुसार यह मंदिर चंद्र वंश के राजाओं द्वारा निर्मित किया गया है, लेकिन कई जगह यह मान्यता भी है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवो द्वारा करवाया गया था। जागेश्वर के इस धाम में हिंदू देवी देवताओं 124 मंदिर स्थित है।
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