क्या प्रियंका गांधी होंगी कांग्रेस की अगली अध्यक्ष ? मिलने लगे हैं संकेत

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इस समय प्रियंका गांधी कांग्रेस में सर्वेसर्वा की भूमिका में आ गई हैं. पार्टी में उनकी बात न सिर्फ सुनी जा रही है बल्कि उसे अमल में भी लाया जा रहा है. पर इसका सबूत है छत्तीसगढ़ प्रकरण.

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाओं के बीच प्रियंका गांधी का दखल और उसके बाद राज्य में यथास्थिति बरकरार रहना इस बात का साफ संकेत दे रहा है प्रियंका गांधी इस वक्त कांग्रेस में संकटमोचक की भूमिका में हैं और उनकी बात को तवज्जो दी जा रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) भूपेश बघेल से मुलाकात के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ से राहुल गांधी के आवास 12 तुगलक रोड गईं थीं. तीन घंटे की बैठक के बाद छत्तीसगढ़ में यथास्थिति बनी हुई थी और राज्य में नेतृत्व परिवर्तन पर कोई बात नहीं हो रही है. 

मिशन यूपी में प्रियंका की मदद कर रहे हैं भूपेश बघेल

राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप और भूपेश बघेल की उत्तर प्रदेश में भागीदारी ने उनकी गद्दी बचा ली. भूपेश बघेल के यूपी की कांग्रेस महासचिव प्रभारी के साथ अच्छे संबंध हैं क्योंकि भूपेश बघेल की टीम द्वारा राज्य के लगभग 50 लोगों को कैडर को प्रशिक्षित करने के लिए यूपी में रखा जा रहा है और हाल ही में रायपुर में यूपी के लगभग 100 कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया था.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने यूपी में सभी संसाधनों को लगाया है, इससे पहले वह असम के प्रचार प्रभारी थे. यह पहली बार नहीं है जब प्रियंका गांधी ने महत्वपूर्ण निर्णय लेने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया है, उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

पायलट मामले में भी दिया था प्रियंका ने दखल

आपको याद होगा जब राजस्थान में सचिन पायलट अशोक गहलोत के खिलाफ खड़े हो गए थे उस वक्त ऐसा लग रहा था कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी लेकिन प्रियंका गांधी के दखल के बाद वहां न सिर्फ सचिन पायलट को मनाया गया बल्कि अभी भी वहां सरकार बरकरार है. सचिन पायलट ने जुलाई 2020 में विद्रोह का नेतृत्व किया तो यह प्रियंका गांधी थीं जिन्होंने पिछले साल राजस्थान में सचिन पायलट को शांत किया और सरकार को बचाया, हालांकि वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह को रोकने में असमर्थ थीं, जिसके कारण मध्य प्रदेश में सरकार गिर गई. हालांकि अभी हाल ही में पंजाब में कैप्टन और सिद्धू के बीच छिड़ी जंग को शांत कराने में प्रियंका गांधी की बड़ी भूमिका रही है.

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