UP Election 2022: BJP ने हराम कर दी अखिलेश यादव की नींद, ये फैक्टर बदल सकता है चुनावी रुख

0

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन हो गया और उनके साथ बीजेपी के एक दिलचस्प अध्याय का भी अंत हो गया. लेकिन कल्याण सिंह का जाना अखिलेश यादव के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.

UP Election 2022: करीब चार दशक की लंबी राजनीतिक पारी खेलकर कल्याण सिंह इस दुनिया को अलविदा कह गए. वह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने जमीन से जुड़ कर एक छोटी पार्टी को बड़ा बनाया और उत्तर प्रदेश की सत्ता तक पहुंचाया. अब जब वह नहीं है तो जिस कम्युनिटी का वह प्रतिनिधित्व करते थे उसको अपने खेमे में खींचने की कवायद तेज हो गई. कल्याण सिंह को विदाई देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद दिल्ली से लखनऊ पहुंचे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो लगातार उनकी सेहत का ख्याल रख रहे थे और जब उनका निधन हुआ तो उनकी अंतिम यात्रा में लखनऊ से अलीगढ़ तक पहुंचे. यह पूरी कवायद भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर भी कर रही है.

ओबीसी के मजबूत नेता थे कल्याण सिंह

UP Election 2022 में जीतने के लिए पिछड़ा वोट बेहद महत्वपूर्ण हो गया है. समाजवादी पार्टी इसी वोट के सहारे सत्ता तक पहुंचती रही है और 2022 के विधानसभा चुनाव में भी यही वोट अखिलेश यादव को दोबारा से मुख्यमंत्री बना सकता है. कल्याण सिंह जिस लोध राजपूत बिरादरी से आते थे उसका उत्तर प्रदेश की करीब दो दर्जन सीटों पर खासा प्रभाव है. यह ज्यादातर सीटें उस इलाके में आती हैं जहां समाजवादी पार्टी का भी अच्छा खासा रसूख है. भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव, 2017 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और 2019 का लोकसभा चुनाव जिस ओबीसी के बदौलत जीता क्या 2022 में भी ये वोट बैंक बीजेपी के खेमे में जा सकता है? कल्याण सिंह के न रहने के बाद यह सवाल महत्वपूर्ण हो गया है.

अखिलेश यादव इसी वोट बैंक के लिए आरक्षण का मुद्दा बार बार उठा रहे हैं. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि ‘देश-प्रदेश में आरक्षण समाप्त किया जा रहा है. पिछड़े, दलित, आदिवासी और महिलाओं के अधिकार समाप्त किये जा रहे है.’ इससे पहले रविवार को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि ‘देश-प्रदेश में आरक्षण समाप्त किया जा रहा है. पिछड़े, दलित, आदिवासी और महिलाओं के अधिकार समाप्त किये जा रहे है.’

क्या है यूपी चुनाव में जातियों का ब्लूप्रिंट?

जाति के ब्लूप्रिंट पर नजर डालें तो प्रदेश में 49 जिले ऐसे हैं, जहां सबसे ज्यादा संख्या दलित मतदाताओं की है. वहीं 20 जिले ऐसे हैं, जहां मुस्लिम वोटर सबसे ज्यादा हैं और 20 जिलों में वे दूसरा सबसे बड़ा वोट बैंक है. संख्या के लिहाज से प्रदेश का सबसे बड़ा समुदाय ओबीसी है. हिंदू और मुस्लिम ओबीसी को जोड़ दें तो हर जिले में इनकी संख्या सर्वाधिक है. लेकिन ओबीसी समूह के तौर पर वोट नहीं करते. ओबीसी की सबसे बड़ी जाति यादव है.

Also Read:

बुंदेलखंड और पूर्वांचल का एक बड़ा हिस्सा है जहां पर लोग कुर्मी और कुशवाहा वोट निर्णायक भूमिका में है और यादव वोट बैंक के प्रभाव को न्यूट्रल करने के लिए यह वोट बैंक महत्वपूर्ण हो जाता है. एक लंबे समय तक ये मुलायम सिंह या समाजवादी पार्टी के खाते में जाता रहा है लेकिन पिछले 6-7 सालों से यह बीजेपी के साथ जुड़ गया है. 2022 में भी बीजेपी वही चीज दोहराना चाहती है. और यही बात अखिलेश यादव को खटक रही है.

(Rajniti.Online के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी.)

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *