अखिलेश की साइकिल 2022 में ऐसे दौड़ेगी, ये हैं ‘चुनाव यात्रा’ के अहम पड़ाव

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अखिलेश की साइकिल (Akhilesh Yadav) अब बदली हुई रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं. 2022 का विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh assembly election 2022) जीतने के लिए उन्होंने कुछ अलग करने का फैसला किया है.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Samajwadi party chief Akhilesh Yadav) इन दिनों दो तरफा हमलों से गिरे हुए हैं. एक तरफ लोगों ने जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख चुनाव (block Pramukh chunav) में अपनों को कंट्रोल न कर पाने के लिए दोषी ठहरा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी ट्विटर राजनीति ( Twitter politics) भी सपा कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रही. लिहाजा अखिलेश यादव ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति बदलने का फैसला किया है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) के सूत्रों से खबर आ रही है कि अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव साइकिल यात्रा (cycle yatra) और रथ पर सवार होकर बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाएंगे.

अखिलेश की साइकिल का प्लान और BJP का संकल्प पत्र (Akhilesh Yadav ka chunavi plan aur BJP ka Sankalp Patra)

सपा अपने खोए हुए जनाधार को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में वापस लाने की कवायद शुरू करने जा रही है. बीजेपी की विफलताओं को सपा जनता के बीच ले जाएगी, जिसके लिए वह बीजेपी के संकल्प पत्र को सबसे बड़े हथियार के तौर पर योगी सरकार के खिलाफ आजमाएगी. अखिलेश यादव अब संगठन में व्यापक बदलाव करके एक फुलप्रूफ रणनीति तैयार कर रहे हैं जिसके जरिए मिशन 2022 को वह पूरा करना चाहते हैं. 2017 के चुनाव में बीजेपी ने अखिलेश की अगुवाई वाली सपा सरकार को गुंडाराज, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी आदि मुद्दों पर घेरा था, अब उसी तर्ज पर अखिलेश यादव ने भी 2022 के चुनाव में योगी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है.

जब जनता से होगा जुड़ाव तभी पार होगा जीत का पड़ाव

सपा प्रमुख की अच्छी तरह से जानते हैं कि अगर 2022 में समाजवादी पार्टी को सत्ता में काबिज करना है तो जनता से जुड़ाव बहुत जरूरी है. और इसीलिए समाजवादी पार्टी सूबे भर में धरना प्रदर्शन, साइकिल यात्रा, चौपाल, गोष्ठियों के अलावा अखिलेश यादव रथ यात्रा निकालकर बीजेपी की वादाखिलाफी को जनता के बीच ले जाएंगे. और उस 1-1 मुद्दे को उठाया जाएगा जिसका सीधा सरोकार जनता के साथ है. इतना ही नहीं सपा मुखिया जनता को बीजेपी के संकल्प पत्र में किए गए वादों की भी याद दिलाना चाहते हैं. एक लाइन में अगर कहें तो समाजवादी पार्टी अपने संगठन के नट बोल्ट कसने के बाद प्रदेश भर में बीजेपी की नाकामियों का पुलिंदा पेश करने वाली है.

कब से शुरू होने वाली है अखिलेश की चुनाव यात्रा? (Kab shuru hogi Akhilesh ki chunav Yatra)

सूत्रों की मानें तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव जुलाई के आखिरी सप्ताह से मिशन-2022 में जुटेंगे और प्रदेश में घूम-घूमकर अपने खोए हुए जनाधार को वापस लाने की कवायद करेंगे. इसके लिए अखिलेश साइकिल भी चलाएंगे और प्रदेश में जनक्रांति रथ निकाल जनता बताएंगे कि योगी सरकार ने पांच साल में अपने वादे तक पूरे नहीं किए. किसानों की आय को दोगुना और विधवा व वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रतिमाह करना था, जिसे सरकार ने पूरा नहीं किया है.

सपा नेता और कार्यकर्ता चुनाव की सियासी तपिश बढ़ाने और योगी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए धरना प्रदर्शन, साइकिल यात्रा, चौपाल और गोष्ठियों का सहारा लेंगे. इसके अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक बार फिर 2012 की तरह रथ यात्रा निकलकर जनता के बीच जाएंगे. सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि बीजेपी ने सरकार बनाने के बाद अपना लोक कल्याण संकल्प पत्र पढ़ा ही नहीं. इसलिए उसने जनता से किए वादे पूरे नहीं किए हैं. ऐसे में सपा उसे इन वादों की याद दिलाएगी.

चुनाव में हुई धांधली पर बनाई जाएगी फिल्म

अंतर खाने से खबर आ रही है कि बहुत जल्द सपा बताएगी कि किस तरह पंचायत चुनाव (Panchayat chunav) में बीजेपी के लोगों ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए मनमानी की है. इसके लिए सपा वीडियो क्लिपिंग और अखबारों में छपी खबरों का सहारा लेगी. इनको लेकर सपा फिल्म भी बनाने जा रही है. इसे भी जनता के बीच दिखाया जाएगा ताकि योगी सरकार के खिलाफ माहौल बन सके. लेकिन बड़ा प्रश्न यही है कि अखिलेश यादव की यह कवायद कितनी कामयाब होती है?

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