पश्चिम बंगाल चुनाव: ‘ग़ैर-बंगालियों का गुजराती मेनिफेस्टो’

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MODI AND MAMTA

पश्चिम बंगाल चुनाव में रिकॉर्ड जीत का दावा कर रही भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया. बीजेपी ने बंगालियों से बड़े-बड़े वादे किए हैं लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मेनिफेस्टो को ‘ग़ैर-बंगालियों का गुजराती मेनिफेस्टो’ बताया है.

बीजेपी ने बंगाल के लिए घोषणापत्र जारी किया और उसे ‘सोनार बांग्ला संकल्प पत्र’ बताया. रविवार को पश्चिम बंगाल के लिए अपना घोषणापत्र जारी करते हुए बीजेपी ने सरकारी नौकरी में महिलाओं को 33% आरक्षण, केजी से पीजी तक मुफ़्त शिक्षा, मछुआरों को हर साल 6 हज़ार रुपये, किसानों के लिए तीन लाख रुपये का दुर्घटना कवर और नए नागरिकता क़ानून को सख़्ती से लागू करने जैसे वादे किए गए हैं.

पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी के वादे

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने घोषणापत्र जारी करते हुए इसे ‘सोनार बांग्ला संकल्प पत्र’ बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सुनिश्चित करेगी कि राज्य में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना और पीएम-किसान कार्यक्रम लागू हो, साथ ही हर परिवार को कम से कम एक नौकरी दी जाएगी. इसके अलावा बंगाल के किसानों के लिए भी बीजेपी ने कई वादे किए हैं.

घोषणापत्र के मुताबिक़, बीजेपी जीतती है तो किसान निधि के वो पूरे पैसे देगी, जो ममता सरकार ने नहीं दिए. अमित शाह ने इस दौरान साथ ही कहा कि राज्य में सत्ता में आने पर पीएम-किसान निधि पर सहयोग राशि बढ़ाकर 10 हज़ार की जाएगी, उन्होंने बताया कि इसमें से 6 हज़ार रुपये केंद्र देगी और 4 हज़ार राज्य वहन करेगा. बीजेपी ने 18 साल से ज़्यादा उम्र की विधवाओं को हर महीने एक हज़ार पेंशन देने समेत और भी कई वादे किए हैं.

पश्चिम बंगाल चुनाव जीतने के लिए अमित शाह का दांव

पश्चिम बंगाल चुनाव में साम दाम दंड भेद हर तरह से तैयारी कर के मैदान में उतरी बीजेपी किसी भी कीमत पर राज्य में अपनी सत्ता चाहती है. यही कारण है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व पश्चिम बंगाल में डाटा हुआ है. मेनिफेस्टो जारी करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा,  “मुझ पर भरोसा रखना.” लेकिन टीएमसी ने बीजेपी के इस घोषणापत्र को जुमला बताया है और कहा है कि बंगाल गुजराती मेनिफेस्टो को ख़ारिज करता है. टीएमसी ने कहा कि बीजेपी का घोषणापत्र जुमलों और झूठ से भरा है.

यह गैर बंगालियों का घोषणा पत्र है

टीएमसी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्टर ट्वीट किया है, जिसके एक तरफ ममता बनर्जी और एक तरफ नरेंद्र मोदी की तस्वीर है. ममता बनर्जी की तस्वीर के साथ लिखा है कि ‘दीदी का घोषणापत्र बंगाल के लोगों का है, बंगाल के लोगों द्वारा और बंगाल के लोगों के लिए है.’ वहीं नरेंद्र मोदी की तस्वीर के नीचे लिखा है कि ‘बीजेपी का घोषणापत्र बाहरी लोगों और ग़ैर-बंगालियों का है, जिसे गुजराती लोग बंगाल के वोटरों को मूर्ख बनाने के लिए लाए हैं.’

इस पोस्टर के साथ ही लिखा है, “पहली बार एक ग़ैर-बंगाली ने बंगाल के लिए घोषणापत्र जारी किया है क्योंकि बंगाल बीजेपी के पास एक भी यहां की ‘मिट्टी का बेटा’ नहीं है जो ये कर सके. बंगाल इस अपमान को कभी नहीं भूलेगा.” वहीं टीएमसी सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, “हास्यास्पद है कि कैसे टूरिस्ट गैंग ने बंगाल के चुनावों के लिए अपने जुमलों से भरे घोषणापत्र को गुजराती के हाथों जारी किया! एक पार्टी जो बंगाल की सभी 294 सीटों के लिए पर्याप्त उम्मीदवार नहीं ढूंढ सकी, उसके पास इस तरह के प्रमुख कार्यक्रमों के लिए स्थानीय नेतृत्व नहीं है!”

पश्चिम बंगाल चुनाव में बेहद टाइट है फाइट

पश्चिम बंगाल चुनाव बेहद दिलचस्प रूप ले चुका है. मैदान में बीजेपी और टीएमसी के नेता एक दूसरे को न सिर्फ घेर रहे हैं बल्कि किसी भी कीमत पर चुनाव जीतने के लिए जोड़-तोड़ भी कर रहे हैं. पार्टियों के मेनिफेस्टो में भी यह बात समझ आ रही है कि बंगालियों को रिझाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई है. बीजेपी का घोषणापत्र जारी होने के तुरंत बाद ही टीएमसी नेता और समर्थक #BengalRejectsGujaratiManifesto हैशटैग के साथ ट्वीट करने लगे. टीएमसी सांसद काकोली घोष बोलीं, “आपको पता है कि बंगाल बीजेपी ‘सोनार बंगाल’ कैसे बनाएगी? किसान क्रेडिट कार्ड का नाम रुपये कार्ड करके (जिसके अंदर कोई असली क्रेडिट नहीं होगा). बंगाल इस पाखंड को स्वीकार नहीं कर सकता और ना करेगा.”

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