पश्चिमी यूपी के तमाम गांवों में कृषि बिल से नाराज किसान बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं. कुछ ने ऐलान किया है कि हलफनामा देकर कृषि बिला का विरोध करने के बाद ही नेता वहां आएं. सोमवार को मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में मंत्री संजीव बलियान के लोगों ने उनपर लाठी-डंडों से हमला किया.
पश्चिमी यूपी के तमाम गांवों में कृषि बिल से नाराज किसान बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं. कुछ ने ऐलान किया है कि हलफनामा देकर कृषि बिल का विरोध करने के बाद ही नेता वहां आएं. नहीं तो अच्छा नहीं होगा. सोमवार को मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में मंत्री संजीव बलियान के लोगों ने उनपर लाठी-डंडों से हमला किया. बलियान का कहना है कि आरएलडी के नेताओं ने वहां नारेबाजी की, जिन्हे गांव वालों ने पीट कर भगा दिया. मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में आज किसानों से मिलने आरएलडी अध्यक्ष अजीत सिंह पहुंचे, तो उनके साथ नाराज किसानों का एक हुजून उमड़ा. कल यहां मंत्री संजीव बलियान के आने पर नारेबाजी कर रहे किसान पीटे गए थे. यहां हुए पंचायत में अजीत सिंह ने बलियान के खिलाफ FIR करने की मांग की.
पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन के साइड इफेक्ट
केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान ने कहा, ”आइडेंटीफाईड राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता थे.” उनसे पूछा गया कि आपके लोग भी घायल हुए हैं उसमें तो उन्होंने कहा, ”देखिए मैं उसके बाद वहां से चला आया था. मुझे दूसरे गांव में जाना पड़ा था. ये जरूर है कि बाहर आया भगदड़ मचीं, जब हम आए तो मारपिटाई होके उनको गांव वालों ने भगाया वहां से.” शामली के भैंसवाल गांव में भी संजीव बलियान के पहुंचने पर किसानों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की. सरकार ने उन्हें किसानों को मनाने का काम दिया है. सत्ता समर्थित लोगों के किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी कहने से वह नारा हैं.
पश्चिमी यूपी में बीजेपी नेताओं का भयंकर विरोध
किसान यूनियन के अध्यक्ष सवित मलिक ने कहा, ”जब तक तीन काले कानून वापस नहीं होंगे, एमएसपी की गारंटी नहीं मिलेगी. हमारे गन्ने का भाव नहीं मिलेगा, समय पर भुगतान नहीं होगा. किसानों के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज किया गया है वो वापस नहीं होंने तब तक इन लोगों का गांव में घुसना कठिन होगा.” शामली के कसेरवा गांव में भी काफी किसान बीजेपी से नाराज हैं. यहां वे बीजेपी विरोधी नारे लिखे बैनर लेकर जुलूस निकाल चुके हैं. इस गांव में उन्होंने बीजेपी नेताओं के खिलाफ जगह-जगह पोस्टर भी लगा दिए हैं.
पश्चिमी यूपी ने मोदी सरकार को खूब सपोर्ट किया है लेकिन अब माहौल बदल रहा है. भारतीय किसान यूनियन (असली) के अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह ने कहा, ”हम कह रहे हैं कि जो भी कैंडिडेट हो किसी भी पार्टी का हो, लिखकर देगा कि मैं इस आंदोलन का समर्थन करता हूं और मैं इन बिलों का विरोध करता हूं. और अगर लिखकर नहीं देगा, उसकी एंट्री वहां बंद करेंगे.
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