शबनम को फांसी से बचाने के लिए बेटे ने उठाया ये कदम

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शबनम को फांसी देने की तैयारी हो चुकी है. उसने सलीम के साथ रिश्ते को लेकर आपत्ति जताने वाले अपने परिवार के 7 सदस्यों – अपने मां, बाप, दो भाइयों, भाभी, चचेरे भाई और 10 महीने के भतीजे की हत्या कर दी थी. उस समय शबनम गर्भवती थी. और अब उसका बेटा उसके लिए जिंदगी चाहता है.

शबनम स्वतंत्र भारत में फांसी की सजा पाने वाली पहली महिला होगी. जेल में अपने बेटे से मुलाकात करते उसे पढ़ाई पर ध्यान देने को कहा. वहीं बेटा ‘राष्ट्रपति अंकल’ से मां को माफ करने की गुहार लगा रहा है. मृत्युदंड की सजा पाने वाली शबनम ने अपने 12 साल के बेटे से रविवार को मुलाकात की. बेटा अपने अभिभावक उस्मान के साथ रामपुर जेल में बंद अपनी मां शबनम अली से मिलने पहुंचा और करीब 45 मिनट तक मुलाकात की.

मां से मिलने के बाद बेटे ने मीडिया को बताया कि उसकी मां ने उससे पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा है. उसने कहा, “मेरी मां ने मुझे मेरी पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा है. मैं ‘राष्ट्रपति अंकल’ से फिर से अपील करता हूं कि वो मेरी मां को क्षमा कर दें.” इससे पहले शबनम के बेटे की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी, जिसमें वह हाथ में एक प्लेकार्ड लिए हुए था जिस पर लिखा था, “राष्ट्रपति अंकल जी, मेरी मां को माफ कर दीजिए.”

शबनम को फांसी देने की तैयारी 

38 वर्षीय शबनम ने सलीम के साथ रिश्ते को लेकर आपत्ति जताने वाले अपने परिवार के 7 सदस्यों – अपने मां, बाप, दो भाइयों, भाभी, चचेरे भाई और 10 महीने के भतीजे की हत्या कर दी थी. उस समय शबनम गर्भवती थी. फिर उसने 2008 में मुरादाबाद जेल में बेटे को जन्म दिया. बेटे के 6 साल के होने पर अमरोहा में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने उसे बुलंदशहर जिले के निवासी उसके अभिभावक को सौंप दिया. इसी बीच 2010 में शबनम और सलीम को इन हत्याओं का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई. शबनम ने कई अदालतों में इस आदेश के खिलाफ अर्जी लगाई, राष्ट्रपति के पास भी दया याचिका लगाई, जो नामंजूर हो गई. उधर लड़के के अभिभावक उस्मान का कहना है कि शबनम दोषी नहीं है, उसे फंसाया गया है और इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.

शबनम के बेटे की फरियाद ‘मेरी मां को छोड़ दो’

रामपुर जेल के अधीक्षक पीडी सलोनिया ने कहा, “मां और बेटे एक-दूसरे से तब से ही मिलने के लिए बेसब्र थे, जब से यह खबर आई थी कि मथुरा जेल में शबनम को फांसी देने की तैयारी शुरू हो गई है. शबनम का बेटा हर 3 महीने में अपनी मां से मिलने अपने अभिभावक के साथ रामपुर जेल में आता था. इसी तरह रविवार की दोपहर को भी अपनी मां से मिलने आया. यह मुलाकात 45 मिनट की रही.” बताया जा रहा है की शबनम को फांसी के लिए मथुरा जेल ले जाया जाएगा.” शबनम स्वतंत्र भारत में फांसी की सजा पाने वाली पहली महिला होगी.

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