सीक्रेट रिपोर्ट से सनकी तानाशाह किम जोंग उन के मददगार का खुलासा… ये था मिसाइल बनाने का पूरा प्लान
यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की लंबी दूरी की मिसाइल बनाने में जिस देश में मदद की उसका नाम ईरान है. संयुक्त राष्ट्र की एक गोपनीय रिपोर्ट के मुताबिक लंबी दूरी की मिसाइलों को बनाने में ईरान ने उत्तर कोरिया का सहयोग किया था. यूएन की ओर इस तरह के कार्यक्रम पर रोक लगाई है. ईरान ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है.
एक सीक्रेट रिपोर्ट में उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन के मददगार का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने साल 2020 में लंबी दूरी की मिसाइल परियोजनाओं के विकास पर उत्तर कोरिया के साथ सहयोग किया था. रिपोर्ट में विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र पैनल ने कहा, “फिर से शुरू किए गए सहयोग में कहा जाता है कि इसमें महत्वपूर्ण पार्ट्स के हस्तांतरण को शामिल किया गया है, इस रिश्ते के साथ सबसे हालिया सामग्री 2020 में भेजी गई.” ब्लूमबर्ग के मुताबिक उत्तर कोरिया के मिसाइल विशेषज्ञों ने ईरान के शहीद हज अली मोवाहिद रिसर्च सेंटर के एक लॉन्च व्हिकल को लॉन्च करने में समर्थन और सहायता भी की. ईरान ने रिपोर्ट के बारे में पैनल को बताया कि यह संभव है कि रिपोर्ट तैयार करने के लिए गलत जानकारी और फर्जी डाटा का इस्तेमाल किया गया हो. उसने इन आरोपों से इनकार किया है. पिछले दिनों राष्ट्रपति बाइडेन ने साफ तौर पर कहा था कि अमेरिका ईरान के खिलाफ एकतरफा प्रतिबंध नहीं हटाएगा और तेहरान को पहले अपने परमाणु वादों को पूरा करना होगा. बाइडेन ने पुष्टि की कि ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को तब तक नहीं हटाया जाएगा जब तक कि वह परमाणु समझौते की शर्तों का अनुपालन नहीं करता है.
संयुक्त राष्ट्र की लीक की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि वह उत्तर कोरिया के प्रति “नया दृष्टिकोण” अपनाएगा, जिसमें दबाव के विकल्प और कूटनीति जैसी रणनीति शामिल होगी. लीक रिपोर्ट पर उत्तर कोरिया के यूएन में दूत ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. रिपोर्ट में एक अनाम सदस्य देश का हवाला दिया गया जिसने आकलन किया कि उत्तर कोरिया की मिसाइल “परमाणु उपकरण” से लैस हो सकती है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि रहस्यात्मक देश ने सैन्य परेड में नई कम दूरी की मिसाइल, मध्यम दूरी और पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें प्रदर्शित किए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, “उत्तर कोरिया ने नई बैलिस्टिक मिसाइल वारहेड्स और सामरिक परमाणु हथियारों के विकास की तैयारियों का ऐलान किया था साथ ही उसने अपनी बैलिस्टिक मिसाइल के बुनियादी ढांचे को उन्नत किया है.”
उत्तर कोरिया ने साल 2020 में परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइलों को विकसित करने का कार्यक्रम जारी रखा. उसने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए अपने कार्यक्रम को चलाया. संयुक्त राष्ट्र की ओर से इस पर रोक लगाई गई है लेकिन उत्तर कोरिया ने इसे दरकिनार करते हुए इन कार्यक्रमों में इस्तेमाल के लिए दूसरे देशों से तकनीक और सामग्री मंगवाने का सिलसिला जारी रखा. कई मीडिया रिपोर्टों में यूएन की उस गोपनीय रिपोर्ट का हवाला दिया गया है जो सुरक्षा परिषद के सदस्यों को भेजी गई है. रिपोर्ट में बताया गया कि उत्तर कोरिया ने साइबर हमलों के जरिए 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर चुराए और उसने इस कार्यक्रम के लिए इस धन का इस्तेमाल किया और इन कार्यक्रमों को जारी रखने के लिए अभी भी उस दिशा में आगे बढ़ रहा है.
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