किसान आंदोलन पर बोले पीएम मोदी…और कह गए ये बड़ी बात
किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार की खूब आलोचना हो रही है. कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी का कानूनी अधिकार देने के लिए लगभग 2 महीने से ज्यादा वक्त हो गया और किसानों का आंदोलन खत्म नहीं हुआ. अब इस मुद्दे पर पीएम मोदी ने एक बड़ी बात कही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान जवाब देते हुए किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर कई अहम बातों का जिक्र किया. राज्यसभा में जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें तय करना होगा कि हम समस्या का हिस्सा बनेंगे या समाधान का माध्यम. राजनीति और राष्ट्रनीति में से हमें किसी एक को चुनना होगा.’ पीएम मोदी ने सदन में चौधरी चरण सिंह के कथन का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह अक्सर 1970-71 एग्रीकल्चर सेंसेस का ज़िक्र किया करते थे. उन्होंने कहा,
“किसानों का सेंसस लिया गया,तो 33 फ़ीसदी किसान ऐसे थे जिनके पास दो बीघे से भी कम ज़मीन थी, 18 फ़ीसदी ऐसे जिनके पास दो से चार बीघे ज़मीन. ये 51 फ़ीसदी किसान कितनी भी मेहनत कर लें, अपनी ज़मीन पर इनकी गुज़र नहीं हो सकती.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा वक़्त में जिनके पास एक हेक्टेयर से कम ज़मीन है, वो आज 68 फ़ीसदी हैं. 86 फ़ीसदी किसानों के पास 2 हेक्टेअर से भी कम ज़मीन है. ऐसे किसानों की संख्या 12 करोड़ है. पीएम मोदी ने कहा कि क्या हमें अपनी योजनाओं के केंद्र में 12 करोड़ किसानों को रखना होगा या नहीं.
उन्होंने कहा कि किसानों के संदर्भ में हर किसी को सोचने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही कर्ज़ माफ़ी जैसी घोषणाएं की जाती हैं, जिसका लाभ छोटे किसानों को नहीं होता है. हमें छोटे किसानों के लिए सोचने की ज़रूरत है. पीएम मोदी ने कहा के संसद में बहस के दौरान सभी ने किसान आंदोलन पर तो बात की लेकिन किसी ने भी यह नहीं कहा कि कानूनों में अच्छी बात क्या है. अपने संबोधन में उन्होंने 2014 के बाद किसानों की बेहतरी के लिए किए गए एलानों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा,
साल 2014 के बाद हमने कई बदलाव किये हैं और फसल बीमा के दायरे को बढ़ा दिया है. उन्होंने बताया कि फसल बीमा के तहत 90 हज़ार करोड़ रुपये दिये गए हैं. इसके साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड भी आवंटित किया गया है.
पीएम मोदी ने सदन में अपने संबोधन में कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के तहत 10 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिला है. उन्होंने बंगाल का ज़िक्र किया और कहा कि अगर बंगाल में राजनीति आड़े नहीं आती तो वहां के किसानों को भी इसका लाभ मिल पाता. पीएम ने सॉयल हेल्थ कार्ड को भी ज़िक्र किया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को उन्होंने किसान की तरक्की के लिए महत्वपूर्ण बताया. किसान रेल और किसान उड़ान का ज़िक्र भी उन्होंने अपने संबोधन में किया.
राज्यसभा में पीएम मोदी कृषि कानूनों के पक्ष में दलीलें देते और विपक्ष के नेताओं को नसीहत देते हुए नजर आए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में शरद पवार जैसे कुछ अन्य कांग्रेसी नेताओं का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि शरद पवार ने कृषि सुधारों की बात की है. बेशक पद्धति को लेकर उन्हें विवाद है. शरद पवार ने अभी भी सुधारों का विरोध नहीं किया है. कृषि कानूनों और किसान आंदोलन पर पीएम मोदी ने तो अपनी बात कह दी है लेकिन अहम यह है कि पीएम मोदी की दलील पर किसान नेता और किसान आंदोलन कर रहे लोग क्या प्रतिक्रिया देते हैं.
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