DDC Elections: चुनाव नतीजों के गुपकर गठबंधन और बीजेपी के लिए मायने?
जम्मू और कश्मीर के ज़िला विकास परिषद की 280 सीटों के लिए हुए चुनाव में फारूक़ अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले 7 पार्टियों के गुपकर गठबंधन को सबसे ज़्यादा 112 सीटें मिली हैं. बीजेपी 74 सीटों के साथ बीजेपी अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.
DDC Elections: डीडीसी चुनावों में अधिकांश सीटों के रुझान उम्मीदों के मुताबिक़ ही रहे. हिंदू बहुल जम्मू क्षेत्र के नतीजे बीजेपी के पक्ष में दिखे, वहीं मुसलमान बहुल कश्मीर क्षेत्र में पीएजीडी का दबदबा दिखा. बीजेपी ने कश्मीर में जिन तीन सीटों के साथ खाता खोला है, वो हैं – श्रीनगर की खोनमोह-2 सीट, बांदीपोरा ज़िले की तुलाइल सीट और पुलवामा की काकपोरा सीट. बीजेपी के लिए ये जीत अहम है क्योंकि इन सीटों पर उसके सामने एनसी और पीडीपी जैसी क्षेत्र की मज़बूत पार्टियां थीं.
जम्मू और कश्मीर क्षेत्र की 140-140 सीटों पर चुनाव हुए थे
- 74 सीटों के साथ बीजेपी अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.
- बीजेपी ने पहली बार कश्मीर घाटी की तीन सीटों पर भी जीत हासिल की है.
- फ़ारूक़ अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ़्रेंस 67 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है.
- महबूबा मुफ़्ती की पार्टी पीडीपी को 27 सीटों पर जीत मिली है.
आठ चरणों में हुए डीडीसी चुनाव 28 नवंबर से शुरू हुए थे
पिछले साल जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द होने और इसके केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद ये पहला चुनाव है. जम्मू और कश्मीर में पहली बार डीडीसी चुनाव हुए. अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने से पहले जम्मू और कश्मीर में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली (ग्राम स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय, ज़िला स्तरीय) नहीं थी. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बीते महीने जम्मू और कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 में संशोधन के लिए अपनी सहमति दे दी थी. अब इन चुनाव के ज़रिए जम्मू क्षेत्र के 10 और कश्मीर घाटी के 10 समेत कुल 20 ज़िलों में डीडीसी का गठन किया जाएगा.
घाटी में बदले समीकरण
केंद्र शासित प्रदेश के प्रत्येक ज़िले में 14 निर्वाचन क्षेत्र बनाए गए हैं. इस प्रकार समूचे जम्मू और कश्मीर में कुल 280 निर्वाचन क्षेत्र के लिए इन चुनावों के माध्यम से लोगों ने डीडीसी के प्रतिनिधियों का चयन किया गया. पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी ने 2018 में नगर निगम और पंचायत चुनावों का बहिष्कार किया था. तब दोनों दलों, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुच्छेद 35-ए की सुरक्षा को लेकर आश्वासन माँगा था.
डीडीए चुनाव के नतीजे क्या बीजेपी के खिलाफ हैं? क्योंकि गुपकर गठबंधन ऐसे ही कहा रहा है. तो इसका जवाब है नहीं. क्योंकि बीजेपी ने घाटी में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. लेकिन इतना ज़रूर है कि गुपकर गठबंधन में शामिल पार्टिया अपने वजूद को बचाने में सफल रहीं हैं.
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