‘किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए दुष्प्रचार कर रही है सरकार’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की चिट्ठी के बाद अब किसान संगठनों की ओर से एक चिट्ठी जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि मोदी सरकार किसान आंदोलन के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है.
शनिवार को किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नाम खुला ख़त लिखा है और कहा है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन ने विपक्षी पार्टियों को अपना पक्ष बदलने पर मजबूर कर दिया है न कि विपक्षी पार्टियों के कारण किसान आंदोलन तेज़ हुआ है. किसान संगठनों का कहना है कि सरकार आंदोलन के बारे में दुष्प्रचार कर रही है. रविवार को किसान संगठन विरोध प्रदर्शन दौरान के मारे गए किसानों की याद में ‘श्रद्धांजलि दिवस’ मनाने वाले हैं. किसान संगठनों की योजना है कि इस दिन वो कम से कम एक लाख गांवों में लोगों तक पहुंचेंगे.
मारे गए किसानों की याद में ‘श्रद्धांजलि दिवस’
रविवार को किसान संगठन विरोध प्रदर्शन दौरान के मारे गए किसानों की याद में ‘श्रद्धांजलि दिवस’ मनाने वाले हैं. किसान संगठनों की योजना है कि इस दिन वो कम से कम एक लाख गांवों में लोगों तक पहुंचेंगे. किसान संगठनों के साथ कई दौर की बातचीत के बाद किसानों का मुद्दा सुलझाने के लिए सरकार अनौपचारिक तौर पर किसानों के कई संगठनों से बातचीत कर रही है. किसान संगठनों का कहना है कि सरकार के कृषि क़ानूनों से बड़ी कंपनियों को फायदा होगा न कि किसानों को. दो दिन पहले कृषि मंत्री ने किसानों को खुला खत लिखा था, किसान संगठनों ने इसका बिंदुवार उत्तर दिया और कहा उनकी मांग है कि कृषि क़ानूनों को रद्द किया जाए.
किसान नेताओं से अगले 2-3 दिन में हो सकती है बातचीत
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाक़ात के बाद कहा है कि किसान नेताओं से अगले 2-3 दिनों में बातचीत हो सकती है. समाचार एजेंसियों के मुताबिक, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा, ”मैं पंजाब के किसानों से अपील करता हूं कि वो सतलुज-यमुना लिंक नहर मामले को गंभीरता से लें. हरियाणा के किसान सिंचाई के लिए पानी की कमी से जूझ रहे हैं. मैंने ये मुद्दा उठाया है. हमारी मांग है कि सतलुज-यमुना लिंक नहर का निर्माण पूरा होना चाहिए.” कृषि मंत्री से मुलाक़ात के बाद मनोहर लाल खट्टर ने संवाददाताओं से कहा, किसानों के मुद्दे का समाधान बातचीत से होना चाहिए.
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