भारत-चीन सीमा विवाद : वो 15 अहम बातें जो आपके लिए जानना जरूरी है

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सीमा पर चल रहे तनाव को कम करने के लिए बैठकों का दौर जारी है. भारत और चीन के बीच करीब साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबी सीमा है. हालांकि चीन इसे लगभग दो हजार किलोमीटर बताता है. बीते कुछ समय से लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं का जमावड़ा बढ़ा है. सैनिकों के बीच आपसी झड़पें भी हुई हैं.

15 अहम बातें

  1. दोनों देशों के बीच ये ताज़ा सीमा विवाद पिछले एक महीने से चल रहा है. ये विवाद मुख्य तौर पर लद्दाख के पैंगॉन्ग झील (कॉनक्लेव झील) और पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी के संवेदनशील इलाक़ों को लेकर है.
  2. मामला कितना गंभीर है, ये इसी बात से समझा जा सकता है कि ऐसा पहली बार है, जब दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत तय सीमा चौकी पर हुई.
  3. इन सीमा चौकियों पर शायद ही कभी दोनों देशों के मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई होगी. लेकिन, इस बार चीन और भारत के बीच सीमा विवाद कितना गंभीर है, ये इसी बात से समझा जा सकता है कि अब तक दोनों तरफ़ से सीमा चौकियों पर लोकल कमांडर के बीच दस दौर की बातचीत हो चुकी है.
  4. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के अतिक्रमण की घटनाएं साल में सौ बार से बढ़ कर छह सौ बार तक पहुंच गई हैं.
  5. भारत और चीन के सैनिकों के बीच एक साल में तीन बार हाथापाई की घटनाएं हो चुकी हैं.
  6. पूर्वी लद्दाख में तो ख़ासतौर से हालात बड़े नाज़ुक हैं. जहां पैंगॉन्ग झील (कॉनक्लेव लेक) और गलवान घाटी के इलाक़े, दोनों तरफ़ से दावेदारी के कारण ख़ासतौर से चर्चा में हैं.
  7. पूर्वी लद्दाख, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का मुख्य केंद्र बनकर उभरा है. यहां के डेमचोक, चुमार और त्रिग की पहाड़ियों में पहले भी भारत और चीन के सैनिकों के बीच टकराव हो चुका है.
  8. चार मई को गलवान घाटी में जिस जगह पर चीन और भारत के सैनिक भिड़े थे, चीन की सैनिक टुकड़ियां वहां से क़रीब दो किलोमीटर पीछे हटी हैं.
  9. चीन के सैनिक अभी भी पूर्वी लद्दाख के फिंगर 4 के उस इलाक़े में डटे हुए हैं, जहां पर पहले भारत का नियंत्रण रहा था.
  10. फिंगर 4 इलाक़ा पैंगॉन्ग त्सो के किनारों को छूता है. असल में कराकोरम के पहाड़ के पूर्वी इलाक़े यानी चैंग चेनमो से आठ पहाड़ी रास्ते निकलते हैं. जिन्हें फिंगर कहते हैं.
  11. भारत का फिंगर 4 से आगे असल क़ब्ज़ा कभी नहीं रहा. वहीं, चीन का दावा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा फिंगर 2 से गुज़रती है. और चीन के सैनिक फिंगर 4 तक गश्त लगाते रहे हैं.
  12. 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध के दौरान, चीन ने इस इलाक़े में पांच किलोमीटर लंबी एक सड़क बना ली थी. जबकि, भारत की ओर से इस पर सख़्त ऐतराज़ जताया गया था. बाद में चीन ने वर्ष 2014 में फिंगर 4 के पास कुछ स्थायी निर्माण भी किए थे.
  13. पूर्वी लद्दाख के कई इलाक़ों जैसे कि पैंगॉन्ग झील, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी जैसे क्षेत्रों में चीन ने आक्रामक तरीक़े से अपनी फ़ौज की मौजूदगी कई गुना बढ़ा दी है.
  14. गलवान घाटी को दारबुक, शयोक, दौलत बेग ओल्डी से जोड़ने वाली 255 किलोमीटर लंबी सड़क पर चीन को ख़ासतौर से ऐतराज़ है. इस सड़क के बन जाने से लेह से दौलत बेग ओल्डी तक पहुंचने में अब बहुत कम समय लगेगा.
  15. चीन को डर है कि भारत अक्साई चिन इलाक़े पर उसके अवैध क़ब्ज़े को चुनौती देने के लिए ये सड़क बना रहा है. फिर, नियंत्रण रेखा के क़रीब स्थित चीन के मशहूर ल्हासा काशगर हाइवे को भी भारत के सीमावर्ती इलाक़ों में सड़क बनाने का ख़तरा लगता है.

भारत और चीन के बीच करीब साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबी सीमा है. हालांकि चीन इसे लगभग दो हजार किलोमीटर बताता है. बीते कुछ समय से लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं का जमावड़ा बढ़ा है. सैनिकों के बीच आपसी झड़पें भी हुई हैं. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन लद्दाख के पास एक एयरबेस का विस्तार कर रहा है. तस्वीरों से यह भी खुलासा होता है कि चीन ने वहां लड़ाकू विमान भी तैनात किए हैं.

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