सोशल डिस्टेंसिंग कैसे कोरोना को हरा सकते हैं?
दुनियाभर में कोरोना वायरस ने दहशत फैला दी है. लोग डरे हुए हैं और पूरा मेडिकल तंत्र इस वायरस से दुनिया को बचाने में लगा हुआ है. डाक्टरों का कहना है कि इस वायरस से बचना है तो सोशल डिस्टेंसिंग अपनाना होगा.
आसान भाषा में समझें तो सोशल डिस्टेंसिंग का अर्थ होता है एक दूसरे से दूर रहना. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि एक दूसरे से दूर रहकर इस वायरस से लड़ा जा सकता है. लोग ये पूछ रहे हैं कि एक दूसरे से दूर रहकर सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर कैसे कोरोना वायरस से बचा जा सकता है.
सोशल डिस्टेंसिंग कैसे कोरोना के असर को कम करती है?
सोशल डिस्टेंसिंग का विज्ञान ये है कि आप लोगों से दूर रहें. क्योंकि जब जो कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति खांसता और छींकता है तो थूक के बारीक कण हवा में फैल जाते हैं जिसमें कोरोना के विषाणू होते हैं. संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं.
तो सीधा सा हिसाब ये है कि खांसते या छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करो, बिना हाथ धोए अपनी नाक या मुंह को मत छुओ और सबसे अहम बात कि लोगों से कम से कम मिलो क्योंकि आप ये नहीं पता कर सकते कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति कौन है ? यही कारण है कि लोगों से जनता कर्फ्यू लगाने, भीड़ न लगाने और लोगों से ज्यादा मिलने झुलने से रोकने के लिए कहा जा रहा है. इसे ही सोशल डिस्टेंसिंग कहते हैं.
भारत सरकार ने जारी की सोशल डिस्टेंसिंग एडवायज़री
भारत सरकार द्वारा जारी सोशल डिसटेंसिंग एडवायज़री के अनुसार जहां-जहां अधिक लोगों के एक दूसरे के संपर्क में आने की संभावना है उस पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिए हैं.
- सभी शैक्षणिक संस्थानों (स्कूल, विश्वविद्यालय आदि), जिम, म्यूज़ियम, सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्रों, स्विमिंग पूल और थिएटरों को बंद रखने की सलाह दी है. छात्रों को घरों में रहने की सलाह दी गई और उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करने को कहा गया है.
- सरकार ने कहा है कि परीक्षाओं को स्थगित करने की संभावना पर विचार किया जा सकता है. फिलहाल चल रही परीक्षाएं ये सुनिश्चित करके करवाई जाएं कि छात्रों के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी हो.
- प्राइवेट क्षेत्र के संस्थान से कहा गया है कि हो सके तो अपने कर्मचारियों से घर से काम करवाएं.
- संभव हो तो मिटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए करने पर ज़ोर दिया गया है. बहुत ज़रूरी ना हो तो बड़ी बैठकों को स्थगित करने या उनमें लोगों की संख्या को कम करने की बात की गई है.
- रेस्त्रां को सलाह दी गई है कि वो हैंडवॉश प्रोटोकॉल का पालन करवाएं और जिन जगहों को लोग बार-बार छूते हैं उन्हें ठीक से साफ करते रहें. टेबल के बीच में कम से कम एक मीटर की दूरी रखें.
- जो शादियां पहले से तय हैं, उनमें कम लोगों को बुलाया जाए और सभी तरह के गैर-ज़रूरी सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया जाए.
- एक दूसरे से हाथ मिलाने और गले लगने से बचना चाहिए.
- किसी भी तरह की गैर – ज़रूरी यात्रा ना करें और बस, ट्रेन, हवाई जहाज़ में यात्रा करते वक्त लोगों से दूरी बनाए रखना ज़रूरी है.
- कमर्शियल एक्टिविटीज़ में लगे लोग ग्राहकों के साथ एक मीटर की दूरी बनाए रखें. साथ ही प्रशासन बाज़ारों में भीड़ कम करने के लिए कदम उठाएं.
- सभी अस्पतालों को कोविड-19 से जुड़े ज़रूरी प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. साथ ही परिवार, दोस्तों, बच्चों को अस्पताल में मरीज़ों के पास जाने न दें.
- ऑनलाइन ऑडरिंग सर्विस में काम करने वालों को ख़ास तौर पर अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए.