ये 3 तरीके जिससे खत्म हो सकता है कोरोना वायरस

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Corona: When does the Kovid-19 patient get discharged from the hospital?

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते दुनिया थम सी गई है. भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने की वजह से कई शहरों में लॉकडाउन कर दिया गया है. हालात ये हैं कि दुनिया का हर शख्स कोरोना से किसी न किसी रूप से प्रभावित है. तो अब सवाल ये है कि कोरोना कब खत्म होगा ?

कोरोना खत्म होने के तीन रास्ते हैं. पहला रास्ता है कि इसका टीका या वैक्सीन तैयार किया जाए. दूसरा रास्ता है कि लोगों में संक्रमण से बचने के लिए प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो और तीसरा रास्ता ये है कि हमारे समाज या व्यवहार को स्थाई रूप से बदल दिया जाए. ये तीनों की तरीके ऐसे हैं जिससे कोरोना खत्म हो सकता है. ये तीनों की तरीके कोरोना वायरस फैलने से रोकेंगे. भले ही अगले तीन महीनों में कोरोना वायरस के मामले कम हो जाएं लेकिन हम इसे जड़ से उखाड़ फेंकने के बहुत दूर हैं.

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कुछ आंकलन तो ये भी हैं कि इसे खत्म होने में साल भर का समय भी लग सकता है. लेकिन क्या जनता कर्फ्यू लगाकर या सबकुछ बंद करने की नीति कारगर होगी. इसका जवाब ये है कि ये नीति एक हद तक कारगर हो सकती है लेकिन बड़े तबके के लिए ये नीति लंबे समय तक संभव नहीं है. इसके सामाजिक और आर्थिक नुक़सान तो विध्वंसकारी और भयंकर हैं. मेडिकल साइंस के जानकार कहते हैं कि कोरोना वायरस ग़ायब नहीं होने जा रहा है.

अगर सबकुछ सामान्य करने के लिए प्रतिबंध हटाए जाते हैं तो वायरस लौटेगा और मामले तेज़ी से बढ़ेंगे. कोरोना वायरस इस समय की सबसे बड़ी वैज्ञानिक और सामाजिक चुनौती है. तो इस वायरस से निपटने का जो पहला तरीका है यानी टीकाकरण. तो अब ये जानना भी जरूरी है इसका टीका कब तक बनकर तैयार होगा. यहां आपको ये

जानना जरूरी है कि किसी भी वायरस से निपटने के लिए जो टीका बनाया जाता है वो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने को ‘हर्ड इम्युनिटी’ कहते हैं ताकि कोई वायरस महामारी न बन जाए. कोरोना से निपटने के लिए अमेरिका में एक टीके का परीक्षण एक व्यक्ति पर किया गया है. इस परीक्षण में शोधकर्ताओं को छूट दी गई थी कि वो पहले जानवरों पर इसका प्रयोग करने की जगह सीधे इंसान पर करें. लेकिन लाख जतन के बाद भी ये दावा नहीं किया जा सकता है कि टीका वैश्विक स्तर पर सभी को दिया जा सकेगा. लेकिन फिर भी अगर सब कुछ ठीक रहा तो 12 से 18 महीनों में यह टीका बन सकता है.

अब दूसरे तरीके पर आते हैं. कि लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाए. क्योंकि बुख़ार के लक्षण वाले दूसरे कोरोना वायरस भी कमज़ोर प्रतिरोधक क्षमता वाले पर हमला करते हैं और जो लोग पहले कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं, उनके नए कोरोना वायरस की चपेट में आने की आशंका ज्यादा होती है.

तीसरा तरीका कोरोना से निपटने का ये है कि हम अपने व्यवहार में बदलाव कर लें. और अस्पतालों को ज्यादा से ज्यादा अपग्रेट करें. तो इन तीनों तरीकों में सबसे आसान तरीका यही है कि जल्द से जल्द इसका टीका आए और जब तक टीका नहीं आता है हम अपने व्यवहार में बदलाव करें.

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