प्रियंका ने सोनभद्र में जो किया उससे कांग्रेस में आएगी नई जान?
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस रसातल में चली है. पार्टी की दशा खराब है और दिशा दिखाने वालों का टोटा है. ऐसे में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की कोशिशें रंग ला सकती हैं. प्रियंका ने नई टीम बनाने का काम शुरु कर दिया है और वो युवाओं को तरजीह दे रही हैं. उन्होंने सोनभद्र में एक नया प्रयोग किया है.
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने तैयारियां शुरु कर दी हैं. कांग्रेस ने यूपी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की नियुक्ति के बाद उत्तर प्रदेश में जिला और शहर अध्यक्षों के नामों का मंगलवार को ऐलान कर दिया. इन नामों में कुछ नाम चौंकाते हैं और ज्यादातर उन नेताओं के नाम हैं जो युवा हैं. प्रियंका गांधी पार्टी में जो प्रयोग कर रही हैं उसका उदाहरण है सोनभद्र, यहां टीम प्रियंका में उभ्भा गांव के आदिवासी नौजवान रामराज गोंड को जगह मिली है. प्रियंका गांधी ने उन्हें जिलाध्यक्ष बनाया गया है.
यही वही गांव है जहां इसी साल जुलाई में हुई हिंसा में 10 आदिवासियों की मौत हो गई थी जिसके बाद कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंची थीं. इसी दौरान उनकी मुलाकात गांव के 34 वर्षीय युवक रामराज गोंड से हुई जिसने पीड़ित परिवारों से उनकी मुलाकात कराई. प्रियंका अनुभव और युवा जोश का समन्वय करके कांग्रेस को एक नई धार देने की तैयारी कर रही हैं. प्रियंका की टीम में युवाओं को ज्यादा तरजीह दी जा रही है जो कांग्रेस के लिए अच्छा है.
टीम प्रियंका की औसत आयु 42 साल
अगर आप कांग्रेस के नए नेताओं की सूची पर गौर करें तो कांग्रेस ने यूपी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की नियुक्ति के बाद जिला और शहर अध्यक्षों के नामों में ज्यादातर युवा ही आपको मिलेंगे. कुल 51 अध्यक्षों की घोषणा हुई है, जिसमें 47 जिलाध्यक्ष व चार शहर अध्यक्ष हैं. पदाधिकारियों के चयन में सबसे ज्यादा तरजीह युवाओं को मिली है. इसके साथ ही जातीय समीकरण भी साधने की पूरी कोशिश की गई है.
प्रियंका गांधी ने 2022 के चुनाव से पहले जिला और शहर अध्यक्षों की उम्र में संतुलन बनाने की कोशिश की है. एक तरफ नौजवानों को कमान मिली है तो दूसरी तरफ अनुभवी कार्यकर्ताओं को भी सम्मान मिला है. जिला और शहर अध्यक्षों की औसत आयु 42 साल है. इस सूची में सबसे दिलचस्प और चौकानें वाला नाम है सोनभद्र के नये जिलाध्यक्ष का. जो एक आदिवासी नौजवान नेता है और नाम है रामराज गोंड.
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रामराज ग्रेजुएट हैं और आदिवासी समाज की लड़ाई लड़ते रहे हैं जिसकी कीमत भी उनको चुकानी पड़ी. उनके खिलाफ गुंडा एक्ट जैसा संगीन मुकदमा भी दर्ज किया गया था. फिलहाल वह ग्रामीणों के संघर्ष की लड़ाई लड़ रहे हैं. जुलाई में जब प्रियंका उभ्भा गांव गईं थीं तभी उन्होंने रामराज गोंड से मुलाकात की थी. सोनभद्र उत्तर प्रदेश का सबसे अधिक आदिवासी आबादी वाला जिला है. आदिवासियों में गोंड, कोल, बियार, खरवार प्रमुख जातियां हैं. रामराज को जिलाध्यक्ष बनाकर प्रियंका ने बड़ा कार्ड खेला है. क्योंकि प्रियंका का ये प्रयोग अगर पार्टी के लिए कारगर रहा तो कांग्रेस जिंदा हो सकती है.