राम मंदिर मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कहां हैं राम के ‘वंशज’?
राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. मध्यस्थता की कोशिश नाकाम होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का ही भरोसा है. मामले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि राम के वंशज कहां हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस प्रश्न के बाद स्थिति ये आ गई है कि राम के वंशज कौन हैं ये साबित करना मुश्किल हो रहा है.
राम मंदिर मामला : रामानंद संप्रदाय के जगतगुरु राम दिनेशाचार्यजी महाराज ने सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल के बाद बताया है कि राम अच्युत गोत्र से संबंध रखते थे. ऐसा माना जाता है कि जगतगुरु क्षत्रिय संत हैं और ये भगवान राम के वंशज हैं. दरअसल राम के वंशजों का जिक्र इसलिए हो रहा है कि क्योंकि रामजन्म भूमि मामले की सुनवाई के दौरान इस महीने के शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या अयोध्या में अभी श्रीराम का कोई वंशज रह रहा है?
सुप्रीम कोर्ट का ये सवाल अयोध्या के लोगों को भी हैरान कर रहा है. इस सवाल के बाद ‘राम लला विराजमान’ की पैरवी करने वाले वकील के. परासरन ने पीठ को आश्वस्त किया कि वे राम के वंशजों को खोज की कोशिश करेंगे. अभी तक भगवान राम या रघुवंश से संबंध रखने वाले 7 लोग सामने आए हैं. जिसमें 6 लोगों का ताल्लुक राजस्थान से है. कुछ लोग जयपुर और उदयपुर के शाही परिवार के सदस्य भी हैं. राम के वंशजों में एक व्यक्ति रायबरेली से है. लेकिन हैरानी इस बात की है कि कोई भी अयोध्या से नहीं है.
वैसे भगवान राम अच्युत गोत्र से संबंध रखते थे और ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस गोत्र से ताल्लुक रखते हैं वो भगवान राम के वंशज हैं. ऐसा माना जाता है कि श्रीमद भागवत महापुराण में लिखा है कि इच्छवाकु वंश के अंतिम राजा सुमित्रा थे. राम का वंश कलयुग में खत्म हो गया और इस बात के प्रमाण पुराणों में हैं. अब जो चीज संत समाज को भगवान राम से जोड़ती है वह है अच्युत गोत्र. लेकिन कोर्ट क्या इसे मानेगा.
कैसे मिलेगा राम का वंशज ?
यहां आपको ये भी समझ लेना होगा कि अयोध्या को साकेत, प्रथमपुरी, इच्छवाकु भूमि और अवधपुरी के नाम से जाना जाता रहा है. अयोध्या को वैवस्वत मनु ने बसाया था और मनु के बड़े बेटे इच्छवाकु और सूर्यवंश ने यहां से शुरुआत की थी. यहां महाराज पृथ, श्रावस्त, भागीरथ, रघु, अज और दशरथ ने राज किया था. लेकिन अब राम के वंशज कैसे मिलेंगे. क्योंकि अगर ये मान लिया जाए कि राम का जन्म 5114 बीसी में हुआ था तो भी इस बात को 7000 साल बीत चुके हैं. अब 7000 हजार साल बाद राम के वंशजों को कैसे खोजा जाएगा. महंत नृत्य गोपालदास तो बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह को भगवान राम का प्रत्यक्ष वंशज बताते हैं.