अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पोए की भारत यात्रा के बारे में पांच अहम बातें

- पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल में पहली बार भारत की यात्रा पर आए है अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पोए
- माइक की ये यात्रा कूटनीतिक और कारोबारी लिहाज से अहम, पोम्पोए 25 से 27 जून तक भारत में रहेंगे
अमेरिका विदेश मंत्री माइक पोम्पोए 25 जून को भारत पहुंच गए हैं. इस दौरे में दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर बात होगी. माइक पोम्पोए अपने इस दौरे में पीएम नरेंद्र मोदी समेत विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे. अमेरिकी विदेश मंत्री की इस यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि “चुनाव के बाद भारत-अमेरिका के बीच यह पहली उच्चस्तरीय बातचीत होगी.”
- दोनों पक्षों के बीच ईरान के साथ बढ़ती अमेरिकी तनातनी और चीन के साथ अमेरिकी ट्रेड वार पर चर्चा होगी. अमेरिका विदेश मंत्री की यात्राओं का मकसद ईरान के खिलाफ एक वैश्वविक गठबंधन तैयार करना भी है.
- ट्रेड वार के बीच दोनों देश घरेलू उत्पादन पर जोर देंगे, और भारत मेक इन इंडिया के लिए नए निवेशकों को खुला न्यौता दे सकता है.
- अमेरिका द्वारा हाल ही में खत्म हुए भारत के ‘जनरलाइजड सिस्टम ऑफ प्रेफ्रेंस’ (जीएसपी) पर भी बातचीत हो सकती है.
- आतंकवाद और रूस के मिसाइल सिस्टम की खरीद जैसे विषयों पर भी चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है.
- पोम्पोए मध्य पूर्व में अपने पुरानी साथी सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से होते हुए भारत पहुंच रहे हैं. पोम्पोए ने दोनों देशों के साथ मिलकर समुद्री निगरानी तंत्र को मजबूत बनाने पर जोर दिया.
भारत में हो रहा है माइक विरोध
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पोए का भारत में वाम दल समर्थित समूह विरोध भी कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी अमेरिका की मध्यपूर्वी देशों पर अपनाई गई नीतियों का विरोध कर रहे हैं. दिल्ली में बैनर, पोस्टरों के साथ इकट्ठे हुए प्रदर्शनकारी, “नो वॉर ऑन ईरान” मतलब ईरान में कोई युद्ध नहीं के नारे लगा रहे हैं. साथ ही अमेरिका को पीछे हटने जैसे बातें कह रहे हैं.