‘गठबंधन’ ‘बेकार’ था, यादवों का वोट बसपा को नहीं मिला : मायावती

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लोकसभा चुनाव से पहले उत्तरप्रदेश में हुआ सपा-बसपा का एतिहासिक गठबंधन टूटने की कगार पर है. बसपा प्रमुख मायावती ने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ हुई एक बैठक में सपा-बसपा गठबंधन को ‘बेकार’ बताया, जिसके बाद इसके टूटने के कयास लग रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में जिस गठबंधन को बीजेपी को हराने के लिए सबसे कारगर हथियार बताया जा रहा था वही गठबंधन अब मायावती के लिए बेकार हो गया है. उत्तर प्रदेश में बीते लोकसभा चुनाव से पहले बने समाजवादी पार्टी (सपा)-बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन के टूटने के आसार नजर आने लगे हैं. मायावती ने दिल्ली में पार्टी के नेताओं साथ बैठक की जिसमें कहा गया है कि मायावती ने ‘गठबंधन’ को ‘बेकार’ कहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मायावती ने कहा है,

 ‘लोकसभा के बीते चुनाव में यादव जाति के वोट बसपा को नहीं मिले. यहां तक कि खुद यादव परिवार भी यादवों के वोट हासिल कर पाने में नाकामयाब रहा.’

मायावती ने पार्टी नेताओं के साथ हुई बैठक में कहा कि उत्तर प्रदेश में यादवों के वोट सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसी) और कांग्रेस के खाते में गए हैं. इसलिए उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव अकेले ही लड़ेगे. दिलचस्प ये भी है जब मायावती की बैठक से गठबंधन टूटने की खबरें निकल सामने आ रही थीं उसी वक्त अखिलेश यादव आजमगढ़ में एक रैली को संबोधित कर रहे थे.

आपको बताते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले सपा-बसपा-रालोद का गठबंधन हुआ था. चुनावी नतीजों में इस गठबंधन को उम्मीद के मुताबिक कामयाबी नहीं मिली. लोकसभा चुनाव में सपा के खाते में जहां सिर्फ पांच सीटें आई तो वहीं बसपा को महज दस संसदीय सीटें मिलीं.

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