मानसून में कम बरसेंगे मेघा, खेती को हो सकता है नुकसान: स्काईमेट
स्काईमेट मौसम और मानसून की भविष्यवाणी करने वाली निजी एजेंसी है जिसने कहा है कि इस बार मानसून में कम बारिश होगी. स्काईमेट ने कहा है कि इस बार सामान्य से भी कम बारिश होने की संभावना है.
स्काईमेट के अनुसार पूरे देश में मानसूनी बारिश औसतन 93 फ़ीसदी के आसपास हो सकती है. मानसूनी बारिश अगर 96 से 104 फ़ीसद के बीच होती है तो उसे सामान्य माना जाता है. स्काईमेट ने भी बताया है कि देश के पूर्वी और मध्य हिस्से में मानसून कम बरसेगा. हालांकि जुलाई महीने में बारिश थोड़ा ज्यादा हो सकती है. स्काईमेट ने ये भी बताया है कि अगस्त-सितंबर में बढ़िया बारिश होने की संभावना है. इसका कारण ये है कि प्रशांत महासागर इस बार औसत से ज़्यादा गर्म हुआ है.
प्रशांत महासागर गर्म होने के कारण मानसून को प्रभावित करने वाला अल-नीनो प्रभाव मार्च से कई तक 80 प्रतिशत और जून से अगस्त के बीच 60 फ़ीसदी रह सकता है. मतलब ये है कि पूरा मानसून अल-नीनो की चपेट में रहने वाला है. इसकी वजह से बारिश कम होगी. कर्नाटक, विदर्भ, मराठवाड़ा, दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर के राज्यों में काफी कम बारिश हो सकती है. जबकि छत्तीसगढ़, ओडिशा, तटवर्ती आंध्र प्रदेश में सामान्य से ज़्यादा बारिश हो सकती है.