‘मिशन ट्राइंगल’ से UP में महागठबंधन का मुकाबला करेंगे PM मोदी !

0

लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले बीजेपी ने उस मिशन पर काम करना शुरू कर दिया है जो उसे एक बार फिर सत्ता दिला सकता है. 2014 जैसे हालात भले ही न हों लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह राम के नाम को एक बार फिर से भुनाना चाहते हैं. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण नहीं हो पाया है और इसकी वजह से बीजेपी को विरोध का सामना करना पड़ रहा है. और इस विरोध से निपटने के लिए मोदी ने ‘मिशन ट्राइंगल’ काम शुरु कर दिया है.

बीजेपी करेगी तीन का वार

बीजेपी इस बार हिंदुत्व का एजेंडा तो लेकर चलेगी ही लेकिन उसके साथ में बूथ पर यूथ और विकास की डुगडुगी बजाकर लोगों को कमल का बटन दबाने के लिए कहा जाएगा. यूपी की 80 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए पीएम मोदी ने जिस ‘मिशन ट्राइंगल’ की शुरूआत की है उसमें विकास है, हिंदू हैं और बूथ है. इन तीनों के सहारे बीजेपी गठबंधन से लड़ने की योजना बना रही है.

गठबंधन से निपटने का प्लान

संगठन और सरकार के स्तर पर इस रणनीति को अमल में लाने का काम शुरू कर दिया है. सपा-बसपा गठबंधन और प्रियंका के एंट्री से बीजेपी को नुकसान होना तय है लिहाजा अब बीजेपी अपने सबसे ताकतवर मोहरों को चुनाव में आजमाएगी. बीजेपी चाहती है कि 2014 जितनी सीटें भले ही यूपी में न मिलें लेकिन नुकसान कम से कम हो. और इसलिए तीन चीजों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

बूथ कर रही मजबूत

हिंदुत्व के लिए राम मंदिर और कुंभ जैसे आयोजनों पर सरकार का पूरा फोकस है. बूथ स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी अध्यक्ष और पीएम मोदी खुद मुलाकात कर रहे हैं तीसरा विकास है, यानी मोदी सरकार में क्या क्या काम हुए ये लोगों तक पहुंचाने के लिए बीजेपी ने संकल्प पक्ष अभियान शुरू किया है जो 10 करोड़ लोगों तक पहुंचेगा और उनसे संकल्प पत्र के बारे में तो पूछेगा ही उन्हें बताएगा भी कि मोदी ने क्या किया.

हिंदुत्व का एजेंडा

यूपी को लेकर बीजेपी की गंभीरता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 7 और 8 फरवरी यूपी में रहे. 3 शहरों में बूथ अध्यक्षों से मुलाकात की, पश्चिम में अलीगढ़ और पूरब में महाराजगंज और जौनपुर में सभाएं कीं, सपा-बसपा गठबंधन पर हमला किया. अपने भाषणों में उन्होंने राम मंदिर का भी जिक्र किया और बजट में सरकार की घोषणाओं का भी. संकेत साफ है कि बीजेपी के मिशन ट्राइंगल में राम भी हैं, काम भी है और बूथ स्तर पर ध्यान भी है.

बजट से मिलेगा बल

इन तीनों को सपोर्ट करने के लिए योगी का बजट आया है. जिसमें हाई-वे, एक्सप्रेस-वे जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ीं विकास परियोजनाएं हैं, गोवंश के लिए 500 करोड़ से ज्यादा खर्च किए गए हैं. अयोध्या और वाराणसी के मंदिरों के लिए बजट में करीब 3 अरब रुपए का प्रावधान है. 84 कोसी परिक्रमा मार्ग से जुड़ी परियोजना है. ये वो तमाम योजनाएं हैं जो हिंदुत्व के एजेंडे को सपोर्ट करेंगीं.

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed