सपा को कहां ‘सम्भावना’ नजर आ रही है ?
ये साल सियासत में कई राजनीतिक दलों के लिए नई सम्भावनाओं के द्वार खोलने वाला है. लोकसभा चुनाव में इस बार नई तरह का गठबंधन बनाकर अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं. 2014 में सिर्फ 5 सीटों पर सिमटी सपा को इस बार उम्मीद है कि वो 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के छक्के छुड़ा देगी.
2019 का भोर सूबे की राजधानी में नई सम्भावनाओं वाला था. मायावती और अखिलेश यादव ने उपचुनाव में जो प्रयोग किया था वो कामयाब रहा है और इसी प्रयोग को आजमाने से क्या वाकई में नए राजनीतिक समीकरण की सम्भावना बनी है. दरअसल समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और एमएलसी सुनील सिंह साजन ने लखनऊ में कुछ पोस्टर लगवाए हैं. इन पोस्टर पर लिखा है ‘नव वर्ष की हार्दिक सम्भावना’. पोस्टर में लिखा स्लोगन सुर्खिंयों में है. लोग अपने अपने हिसाब से इसके माएने निकाल रहे हैं. लेकिन इसमें कोई सवाल नहीं होना चाहिए कि 2019 सपा और बसपा दोनों के लिए सम्भावनाओं का साल कहा जा सकता है. एक तरफ मायावती अपना अस्तित्व बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव के लिए चुनौती है कि वो अपने बूते सपा को नए मुकाम पर ले जाएं और शिवपाल यादव की नई पार्टी की वजह से जो नुकसान पार्टी को हो सकता है उसकी भरपाई करें.
80 लोकसभा सीटों वाले सूबे में बीजेपी ने 2014 में एक तरह से सफाया कर दिया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने एक तरह से क्लीन स्वीप किया. लेकिन 2019 में हालात बदल गए हैं. अब कानून व्यवस्था के मसले पर योगी सरकार कटघरे में हैं. विकास के वादे खोखले साबित हुए हैं. तमाम मोर्चों पर सरकार विफल रही है. ऐसे में जिस कानून व्यवस्था ने अखिलेश सरकार को परेशान किया वही उनके लिए सम्भावना बन गई है. हालत ये है कि पुलिस ही मारी जा रही है. कुछ घटनाएं देखिए
- बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या
- गाजीपुर में कांस्टेबल सुरेश वत्स की भीड़ ने पीटकर हत्या कर दी
- 2017 में सहारनपुर में SSP के घर पर BJP के नेताओं ने हमला किया
- एसएसपी के पूरे परिवार ने खुद को घर में कैद करके जान बचाई
- आंबेडकर शोभा यात्रा मामले में एमपी राघव लखनपाल ने हंगामा किया
- लखनऊ में लड़की की हत्या के बाद लोगों ने पुलिस पर पथराव किया
जाहिर है ये घटनाएं इस बात की तस्दीक करती है कि कानून व्यवस्था के मोर्चे पर योगी बुरी तरह से नाकाम हुए हैं. यही वजह है कि सुनील सिंह साजन ने सरकार से सवाल किए हैं. ये वो सवाल हैं जिन्होंने समाजवादियों के लिए लोकसभा में जीतने की सम्भावना बनाई है. सुनील सिंह साजन कई मौकों पर योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखे हमले कर चुके हैं. उन्होंने सरकार के कामकाज को खारिज करते हुए कहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में यूपी योगी को नकारने वाला है और अखिलेश यादव के लिए सम्भावनाओं के द्वार खुलने वाले हैं. इस पोस्टर में लिखा स्लोगन सिर्फ बधाई संदेश नहीं है ये संकेत है कि भविष्य में समाजवादी पार्टी अपने लिए क्या और कहां सम्भावना देख रही है.