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औजार से निजी संपत्ति और फिर शोषण की व्यवस्था का उदय

ज्यों-ज्यों उत्पादन के औजारों में गुणात्मक परिवर्तन होता गया, त्यों-त्यों समाज भी गुणात्मक रूप से बदलने लगा. उदाहरण के तौर...