कश्मीर: सबसे बड़े हॉटस्पॉट में एक वेंटिलेटर तक नहीं है

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हम बहुत बड़ी बड़ी बातें सुनते हैं. लेकिन हकीकत खोखली है. और कोरोना महामारी के समय में ये खोखलापन खुलकर सामने आ गया है. कश्मीर का बांदीपुरा इस समय सबसे बड़ा हॉटस्पॉट है लेकिन वहां एक वेंटिलेटर तक नहीं है.

बांदीपोरा जम्मू-कश्मीर का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन कर उभरा है. यहां कोरोनावायरस संक्रमण के मामले बढ़ कर 127 से ज़्यादा पहुंच गए हैं. अब तक कश्मीर के किसी ज़िले से कोरोनावायरस संक्रमण का इतना बड़ा आंकड़ा नहीं आया था. यहां संक्रमण के सबसे अधिक मामले मिले हैं, लेकिन 4 लाख से ज्यादा की आबादी वाले इस इलाक़े में एक भी वेंटिलेटर नहीं है.

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ज़िले की हाजिन तहसील का गुंड जहांगीर गांव कोविड-19 का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन कर उभरा है. यहां अब तक इसके संक्रमण के 53 पॉज़िटिव केस मिल चुके हैं. सुरक्षा बलों ने अब इस गांव और आसपास के इलाक़ो को सील कर दिया है. साफ़-सफ़ाईकर्मी और स्वास्थ्यकर्मी गलियों और गांव के घरों को सेनेटाइज़ कर रहे हैं. पूरे इलाक़े को रेड ज़ोन घोषित कर दिया गया है.

बांदीपोरा की आबादी 4 लाख से ऊपर है लेकिन इसके अस्पतालों में एक भी लाइफ-सेविंग वेंटिलेटर नहीं है. अस्पतालों में बुनियादी मेडिकल उपकरण न होने की स्थिति में यहां के डॉक्टरों को ज्यादातर कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों को श्रीनगर के अलग-अलग अस्पतालों में भेजना पड़ता है.

https://youtu.be/2ZjtAf5km4c

बांदीपोरा के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. तजामुल हुसैन खान कहते हैं, वेंटिलेटर खरीदे जा चुके हैं और कुछ ही दिनों में पहुंचने वाले हैं. लेकिन बांदीपोरा जिला अस्पताल के जिन डॉक्टरों से हमने बात की उन्होंने कहा कि यहां वेंटिलेंटर बेकार साबित होंगे क्योंकि एक तो उन्हें रखने की जगह नहीं है. दूसरे, उन्हें चलाने वाले लोग भी नहीं हैं. यह सच है कि वेंटिलेटर चलाने के लिए उनके पास लोग नही हैं लेकिन इसकी व्यवस्था की जा सकती है. लोगों को एक या दो सप्ताह की ट्रेनिंग के लिए भेजा जा सकता है, ताकि वे वेंटिलेंटर ऑपरेट करना सीख सकें.

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