कोरोना वायरस ने आतंकवादियों को राहतकर्मी बना दिया
लेबनान में आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए कमर कस ली है. संगठन ने 1,500 डॉक्टर, 3,000 नर्स और पैरामेडिक्स और अपने 20,000 से अधिक लड़ाके कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लगाए हैं.
दुनिया के सबसे बड़े आतंकी संगठन अलकायदा ने बीते हफ्ते कोरोना वायरस को लेकर छह पन्नों का एक पत्र जारी किया. इसमें दुनिया भर के मुसलमानों को सावधानी बरतने की सलाह दी गयी है. यह भी कहा गया है कि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपने जाल में जकड़ लिया है और यह मुस्लिम जगत में भी छा रहा है. संगठन ने मुस्लिम देशों को चेताते हुए आगे कहा है, ‘इस वायरस का मुस्लिम देशों में फैलना हमारे पाप, अश्लीलता और नैतिक भ्रष्टाचार का नतीजा है.’
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अफ्रीका के पूर्वी हिस्से में स्थित सोमालिया के आतंकी संगठन अल-शबाब का देश के कई हिस्सों पर कब्जा है. यह संगठन वहां की सरकार जिसे अमेरिकी वायुसेना का समर्थन हासिल है, के खिलाफ सालों से लड़ रहा है. बीते महीने संगठन के बड़े कमांडरों के बीच एक बैठक हुई जिसके बाद मुसलमानों के लिए कोरोना वायरस बचने के दिशा-निर्देश जारी किये गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अल-शबाब के कब्जे वाले इलाकों में सरकारी एजेंसियों की पहुंच नहीं है, इस वजह से इन इलाकों में आतंकी संगठन ने ही कोरोना वायरस के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है.
इस्लामिक ग्रुप हमास का इजरायल में गाजा पट्टी पर कब्जा है. इस संगठन ने भी कोरोना से निपटने के लिए कई तरह से तैयारी की है. हमास ने लॉकडाउन और कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ यहां कोरोना की जांच की व्यवस्था भी की है और गाजा पट्टी में दो बड़े क्वारंटीन सेंटर भी खोले हैं.
सिर्फ मध्य पूर्व ही नहीं ब्राज़ील में भी ये देखने को मिला है. ब्राजीली अखबार ‘एक्स्ट्रा’ के मुताबिक इसके बाद ‘सिटी ऑफ गॉड’ के तमाम गैंग्स ने दुश्मनी भुलाकर मोर्चा संभाला और पूरी बस्ती में कर्फ्यू की घोषणा कर दी. यहां लोगों को चेतावनी दी गयी है कि अगर वे घरों से बाहर निकले तो उन्हें कठोर सजा दी जायेगी. इन गैंग्स की तरफ से कर्फ्यू के दौरान लोगों की मदद भी की जा रही है.