कोरोना वायरस: जिसका डर था वही हुआ
दुनिया कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ रही है. लोगों को जागरुक किया जा रहा है. उन्हें बताया जा रहा है कि आप घर में रहकर लोगों से दूर रहकर बच सकते हैं. भारत को इसमें कामयाबी भी मिली है लेकिन एक कोरोना वायरस का मुंबई की धारावी झुग्गी बस्ती में पहुंचना अच्छे संकेत नहीं हैं.
भारत में कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 2 हजार पर पहुंच गया है और 50 लोगों की मौत हो चुकी है. तबलीगी जमात के मरकज से निकले लोगों ने सरकार की चिंताएं और बढ़ा दी हैं. ये लोग दिल्ली के निजामुद्दीन से निकलकर देश के करीब 22 राज्यों में गए हैं. इन्हीं चिंताओं के बीच महाराष्ट्र सरकार को परेशान करने वाली खबर ये है कि एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी में एक 56 साल के व्यक्ति की मौत कोरोना की वजह से हो गई है.
धारावी में दो लोग कोरोना संक्रमित
इस मामले के सामने आने के बाद धारावी में ही रहने वाले एक बीएमसी कर्मी के भी कोरोना संक्रमित होने की खबर है. मुंबई प्रशासन ने इसके बाद सैकड़ों फ़्लैट्स और दुकानों को सील कर दिया है. कई लोगों को क्वारंटीन फेसिलिटीज़ में भेजा है. केंद्र और राज्य सरकारें लगातार कोशिश कर रही थीं कि कोरोना धारावी जैसे सघन इलाकों में न पहुंचे. लेकिन इस बस्ती में इसके पहुंचने के माएने भयावह हो सकते हैं.
मुंबई की झुग्गी बस्तियों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के मिलने के ये पहले मामले नहीं हैं.इससे पहले मुंबई की ही एक अन्य झुग्गी बस्ती में भी एक महिला के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की थी. इसके बाद मुंबई के वर्ली कोलिवाड़ी इलाके को भी सील किया जा चुका है. धारावी में कोरोना संक्रमण की वजह से जिस व्यक्ति की मौत हुई है वो कपड़े की दुकान चलाते थे. 23 मार्च को उन्हें खांसी आनी शुरु हुई थी और इसके बाद उन्हें मुंबई के सायन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
चिंता की बात ये है कि जिस दिन इस शख़्स के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की रिपोर्ट आई, उसी दिन उनकी मौत हो गई. इस घटना के बाद महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इस मौत को लेकर चिंता जताई है. “अब तक ये बीमारी एक ख़ास वर्ग तक सीमित थी. और इसे आम जनता में नहीं फैलना चाहिए. हमारा उद्देश्य भी यही है. हमने अब तक जो कदम उठाए हैं, वो इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए तय किए थे. लेकिन जब धारावी जैसी सघन आबादी वाली जगह से मरीज़ सामने आते हैं तो ये हमारे लिए चिंता का विषय है.”
धारावी में इस घटना के बाद मुंबई प्रशासन ने उन सभी लोगों की कॉन्ट्रेक्ट ट्रेंसिग शुरु करवाई है जो इन दो लोगों की संपर्क में आए हैं. ऐसे में सरकार को एक बड़ी मात्रा में लोगों को आइसोलेट करना होगा या क्वारेंटीन करना होगा. इसके साथ ही सरकार को भारी मात्रा में लोगों की जांच करनी होगी. लेकिन अब तक भारत सरकार देश भर में मात्र 38000 से ज़्यादा सैंपलों की टेस्टिंग कर पाई है. धारावी वो जगह है जहां सिर्फ दो वर्ग किलोमीटर जगह में दस लाख से भी ज़्यादा लोग रहते हैं.
जंगल में आग की तरह फैल सकता है कोरोना
धारावी में जितनी सघन आबादी है उस तरह की आबादी आपको बनारस, चंडीगढ़, इलाहाबाद, ग्वालियर और गाज़ियाबाद जैसे शहरों में मिलेगी. ये तब है जब ये शहर धारावी से कहीं ज्यादा बड़े हैं. आबादी की इसी सघनता की वजह धारावी को भारत ही नहीं एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती कहा जाता है. यहां छोटी से क्षेत्रफल में बने फ़्लैट्स में कई हज़ार लोग रहते हैं. अगर इस इलाके में कोरोना फैला तो फिर ये वैसे ही फैलेगा जैसे जंगल में आग फैलती है.
सरकार लगातार कोशिश कर रही थी कि कोरोना इस तरह के झुग्गी वाले इलाकों में न फैले क्योंकि यहां लोग न तो सोशल डिस्टेंसिंग कर पाएंगे और ही सेल्फ आइशोलेशन. ये बहुत ही चिंता का विषय है क्योंकि संक्रामक रोग घनी आबादियों में ही ज़्यादा फैलते हैं, दुनिया भर में झुग्गी बस्तियों और शरणार्थी शिविरों को लेकर चिंता का माहौल है. इटली या अमेरिका में कोरोना के मामलों को देखें तो सबसे ज्यादा वहीं पर मौतें हुईं हैं जहां पर आबादी सघन थी.