कोरोना लेकर कहां-कहां गए तबलीगी जमात के लोग ?

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तबलीगी जमात ने देश के किन राज्यों में कोरोना फैलाया है? ऐसे कितने लोग हैं जो इस जमात के लोगों के संपर्क में आए ? क्या ऐसे लोगों को कोरोना संक्रमण फैलाने से रोका जा सकता था ?

देश की राजधानी दिल्ली निज़ामुद्दीन इलाक़े में मार्च में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम के कारण अब देश के 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए खतरा बढ़ गया है. निजामुद्दीन इलाके में हुए इस जमात के कार्यक्रम में देश-दुनिया से करीब 4 हजार लोगों शामिल हुए थे. सरकार और स्थानीय प्रशासन कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों को तलाशने के काम में लगी हुई है ताकि सभी का कोरोना वायरस टेस्ट कराया जा सके.

ये खतरा इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि तमिलनाडु ने कहा है कि राज्य में जो 57 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं उसमें करीब 50 तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. तमिलनाडु इकलौता ऐसा राज्य नहीं है. तेलंगाना में भी जो पांच मौतें हुईं हैं वो सभी लोग तबलीगी जमात मके कार्यक्रम में शामिल हुए थे. तबलीगी जमात ने कितने लोगों को कोरोना संक्रमित किया है इसका अंजादा आप इस आकंड़े से लगाइएं

जम्मू कश्मीर के 850 लोगों में से 25, दिल्ली के 4,000 लोगों में से 24, उत्तर प्रदेश के 157 लोगों में से 6, तेलंगाना के 386 लोगों में से 49, आंध्र प्रदेश के 711 लोगों में से 29, तमिलनाडु के 1,500 लोगों में से 124 और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 11 लोगों में से 9 अब तक कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं.

जिन राज्यों से लोग इस जमात में शामिल हुए थे अब वहां पर अलर्ट कर दिया गया है. इस कार्यक्रम में 281 विदेशी भी शामिल थे. इनमें इंडोनीशिया के 72, श्रीलंका के 34, म्यांमार के 33, किर्गिस्तान के 28, मलेशिया के 20, नेपाल और बांग्लादेश के 9-9, थाईलैंड के 7 और फिजी के 4 लोग थे. तबलीगी जमात ने कोरोना को लेकर जो लापरवाही बरती है उसका खामियाजा अब कई लोगों को उठाना पड़ रहा है.

https://www.youtube.com/watch?v=5QBVE-hiCM0

तबलीगी जमात को लेकर सियासत तेज

केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने निज़ामुद्दीन के तबलीगी जमात मरकज मामले पर कहा है कि इस जमात ने तालिबानी अपराध किया है, इस आपराधिक काम को माफ़ नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि तबलीग़ी जमात मरकज़ ने कई लोगों की जान को ख़तरे में डाला. दिल्ली के निज़ामुद्दीन में तबलीग़ी जमात का मरकज़ (केंद्रीय मुख्यालय) है. यहां पर मार्च महीने में हुए एक धार्मिक आयोजन के चलते ये समस्याएं खड़ी हुई हैं.

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