COVID-19: भारत में बढ़ा कोरोना वायरस का खतरा, जानिए क्या है तैयारी?
भारत में कोरोना का पहला पॉजिटिव मरीज मिला है. कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेजी से पांव पसार रहा है. भारत में कोरोना वायरस के दो पॉजिटिव केस सामने आए हैं. एक केस नई दिल्ली में मिला है, जबकि दूसरे केस तेलंगाना में मिला है. फिलहाल, दोनों मरीजों का इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दोनों की हालत स्थिर है.
अब तक दुनिया के 50 देशों में कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं और दुनियाभर में करीब 3000 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से अधिकतर मौतें चीन में हुई हैं. लेकिन अब ये भारत में भी तेजी से फैल सकता है क्योंकि इसके दो पॉजिटिव मरीज मिले हैं. बताया जा रहा है कि दिल्ली में जिस शख्स में कोरोना की जांच पॉजीटिव आई है वह हाल ही इटली का दौरा करके आया था, जबकि तेलंगाना में कोरोना पॉजिटिव शख्स दुबई की यात्रा करके आया था. दुनिया के कई देशों में कोरोना पीड़ितों की मौत होने लगी है.
चीन के बाहर ईरान और इटली में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. इन दोनों देशों में कोरोना से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. चीन में कोरोना ने अबतक 79,824 लोग संक्रमित हैं, जबकि वहां कुल मृतकों की संख्या 2870 तक पहुंच गई है. चीन का वुहान शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और कोरोना का केंद्र बना हुआ है. ईरान में बहुत तेजी से कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है. वहां 978 लोग कोरोना की चपेट में हैं. ईरान में 54 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है, जबकि इटली में भी कोरोना से 29 लोग मर चुके हैं.
भारत कोरोना से बचने के लिए कितना तैयार ?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में कहा है कि “कोरोना वायरस अगर सभी देशों में नहीं तो ज़्यादातर देशों मे फैल सकता है.” फ़िलहाल अगर अंटार्कटिका को छोड़ दिया जाए तो कोरोना का संक्रमण सभी महाद्वीपों में फैल चुका है. चीन से शुरु हुआ ये वायरस अब ब्रिटेन, अमरीका, जापान, दक्षिण कोरिया, फ़िलीपींस, थाईलैंड, ईरान, नेपाल और पाकिस्तान जैसे कई देशों तक पहुंच चुका है. अब भारत में भी इस वायरस से प्रभावित दो मरीज मिलने के बाद खतरा बढ़ गया है. लेकिन सवाल ये है कि क्या भारत इस वायरस से लड़ने के लिए तैयार है. हाल ही में भारत सरकार की ओर से जारी की गई एक विज्ञप्ति में कहा गया था कि अभी तक भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण का एक भी बड़ा मामला सामने नहीं आया है. लेकिन सवाल यह है कि भारत बड़े मामले का इंतज़ार क्यों कर रहा है?
भारत सरकार ने अब तक क्या किया है?
- ट्रैवल एडवाइज़री जारी की गई. ट्रैवल पॉलिसी में बदलाव किए गए.
- 21 हवाई अड्डों और सी पोर्ट (बंदरगाहों) पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग शुरू की गई है. थर्मल स्क्रीनिंग वो प्रक्रिया है जिसके तहत कोरोना जैसे वायरस के संक्रमण की जांच की जाती है.
- केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कोरोना के मामलों पर निगरानी रखने के लिए मंत्रियों के एक समूह (GoM) का गठन किया है.
- चीन से भारत आने वाले लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. किसी भी तरह की आशंका होने पर अलग रखकर उनका इलाज किया जा रहा है.
- कोरोना वायरस से जुड़ी शिकायत और सुझाव के लिए एक कॉल सेंटर शुरू किया गया है. इसका नंबर है: 01123978046. ये 24 घंटे काम करता है.
ताजा हालातों की बात करें तो भारत में अगर किसी को सड़क हादसे में चोट लगती है तो उसे इमर्जेंसी में भी भर्ती कराने की जगह नहीं होती. ऐसे में अगर कोरोना जैसा संक्रमण लाखों लोगों में फैल जाए तो हमारा स्वास्थ्य तंत्र इसे संभाल नहीं पाएगा. भारत के पास चीन जैसी क्षमता नहीं है कि छह दिन में अस्पताल खड़ा कर दे. भारत छोड़िए, चीन जैसा देश भी कोरोना के सामने बेबस नज़र आया. चीन ही क्यों, दुनिया के किसी भी देश में अगर लाखों लोग कोरोना जैसे संक्रमण के शिकार हो जाएं तो वो देश डगमगा जाएगा.