महाराष्ट्र में सरकार बनाने से पीछे क्यों हट गई बीजेपी ?
महाराष्ट्र में पिछले करीब 15 दिनों से चला आ रहा राजनीतिक गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने विधायक दल की बैठक के बाद सरकार न बनाने का फैसला किया है . बीजेपी ने कहा है कि शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया और राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया है.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने रविवार शाम बीजेपी के पीछे हटने के बाद राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना से सरकार बनाने का न्योता दिया. इससे पहले राज्यपाल ने शनिवार को भाजपा से पूछा था कि सरकार बनाने के बारे में क्या इच्छा है. लेकिन, पार्टी ने रविवार को सरकार गठन से इनकार कर दिया था. भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि शिवसेना ने हमारे साथ सरकार का गठन न करके जनादेश का अपमान किया.
आंकड़ों में जनादेश
- महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें, बहुमत के लिए 145 का आंकड़ा जरूरी
- शिवसेना के पास 56, राकांपा के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक
चंद्रकांत पाटिल ने कहा- राज्यपाल ने नई सरकार के गठन के लिए भाजपा को न्योता दिया. शिवसेना ने जनादेश का निरादर करते हुए अनिच्छा जाहिर की. हमने राज्यपाल को बता दिया है कि हम सरकार नहीं बनाएंगे . शिवेसना को जनादेश का अपमान करके अगर कांग्रेस और राकांपा के साथ सरकार बनानी है तो हमारी शुभकामनाएं.
इसके बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने पत्रकारों से कहा कि शिवसेना का मुख्यमंत्री ही बनेगा, हालांकि उन्होंने ये साफ़ नहीं किया कि शिवसेना सरकार बनाने का दावा कब और कैसे पेश करेगी. उन्होंने कहा, “आज ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा. अगर उद्धव जी ने यह कहा है कि मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा तो इसका मतलब है कि राज्य में हम किसी भी कीमत पर शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाएंगे.”
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महाराष्ट्र में आगे क्या होगा यह तो स्पष्ट नहीं है लेकिन शिवसेना को अब बहुमत साबित करना है. बहुमत के लिए शिवसेना को एनसीपी, कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों का समर्थन चाहिए होगा. अगर शिवसेना यह करने में कामयाब हो जाती है तो यह बीजेपी के लिए जीत कर भी हार ने जैसी स्थिति हो जाएगी. हालांकि बीजेपी अब इस बात का इंतजार कर रही है कि शिवसेना उसके पास गिड़गिड़ाते हुए आए या फिर उसकी गठबंधन की सरकार गिर जाए.